
योग को मिल रही प्रसिद्धि लेकिन काशी के योग इंस्ट्रक्टर घूम रहे बेरोजगार
21 जून को पूरा देश योग करेगा, लेकिन क्या आपको पता है कि योग में डिग्री या डिप्लोमा लेने वाले छात्रों का कोई भविष्य सेहतमंद नहीं है. दरअसल, पिछले कई सालों से सरकारी विद्यालयों या संस्थाओं में योग प्रशिक्षकों की कोई भर्ती नहीं हुई है. सरकार यदि चाहे तो प्राइमरी और माध्यमिक स्तर के सरकारी विद्यालयों में योग प्रशिक्षकों और डिग्री या डिप्लोमा धारियों को नियुक्त कर योग को सही मायने में बच्चों तक पहुंचा सकती है.
योग प्रशिक्षक अरुण मौर्या कहते हैं कि योग में अब कोई भविष्य नहीं है, सरकार कागज़ी खानापूर्ति से ज़्यादा इसको तवज्जो देने के मूड में नहीं है और आयुष विभाग जिलों में एक-दो वैकेन्सी निकालते भी है तो दस-बारह हज़ार से ज़्यादा देने के लिए तैयार नहीं है. योग प्रशिक्षकों का कहना है कि योग में डिग्री या डिप्लोमा लिए बेरोज़गार छात्रों को नौकरी भी मिलेगी.