क्या है ‘वेट इन मोशन’ टेक्नोलॉजी? जिसके जरिए योगी सरकार अवैध खनन पर कसेगी शिकंजा
उत्तर प्रदेश में अवैध खनन रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. इसके जरिए नव सिर्फ अवैध खनन पर रोक लगेगी बल्कि वाहनों की ओवरलोडिंग पर भी नियंत्रण संभव होगा. यूपी सरकार 'वेट इन मोशन' (WIM) तकनीक प्लान कर रही है.

उत्तर प्रदेश सरकार अवैध खनन और परिवहन को लेकर और सख्त रवैया अपने जा रही है. अवैध खनन रोकने के लिए अब आधुनिक तकनीक का सहारा लेने की तैयारी है. इसके लिए एकीकृत खनन निगरानी तंत्र (IMSS) के तहत कई कदम उठाए जा रहे हैं. ड्रोन, जियो-फेंसिंग, RFID टैग, और AI चेकगेट्स पहले से ही उपयोग में हैं. अब ‘वेट इन मोशन’ (WIM) तकनीक लागू की जा रही है.
‘वेट इन मोशन’ (WIM) तकनीक को लागू होने से सटीक और त्वरित निगरानी संभव होगी. जो समय की बचत के साथ-साथ 100 प्रतिशत सटीकता सुनिश्चित करेगी. इस तकनीक से वाहनों की ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा. ‘यूपी माइन मित्र’ पोर्टल को भी ‘परिवेश पोर्टल’ से जोड़ा जा रहा है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी. साथ ही सरकार ड्रोन का उपयोग भी बढ़ाएगी.
IoT/AI आधारित चेकगेट्स किए गए स्थापित
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने खनन क्षेत्रों की निगरानी को और मजबूत करने के लिए कई तकनीकी उपाय किए हैं. खनन क्षेत्रों की जियो-फेंसिंग, कैमरा युक्त वेट-ब्रिज और वाहनों पर RFID टैग के जरिए खनिज परिवहन पर नजर रखी जा रही है. इसके अलावा, 25 जनपदों में 57 मानव रहित IoT/AI (इंटरनेट ऑफ थिंग्स/आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित चेकगेट्स स्थापित किए गए हैं.
अब विभाग ने WIM संयंत्र की स्थापना के लिए परिवहन आयुक्त से भी सहयोग मांगा गया है, ताकि अवैध खनन और परिवहन पर पूरी तरह रोक लग सके. खनन क्षेत्रों के सर्वे और निगरानी के लिए ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स, यूपी डेस्को और श्रीट्रोन इंडिया लिमिटेड जैसी संस्थाओं से तकनीकी और वित्तीय प्रस्ताव मांगे हैं.
क्या है वेट इन-मोशन टेक्नॉलोजी?
वेट इन मोशन (WIM) एक आधुनिक तकनीक है जो भारी वाहनों, जैसे खनन ट्रकों या मालवाहक वाहनों, का वजन उनके चलते समय मापती है. यह सिस्टम सड़क पर लगे सेंसरों का उपयोग करता है जो वाहन के वजन, गति और अन्य जानकारी को बिना रुके रिकॉर्ड करता है. इससे समय की बचत होती है और सड़क सुरक्षा में सुधार होता है.
खनन जैसे उद्योगों में यह ओवरलोडिंग रोकने, नियमों का पालन करने और डेटा के आधार पर कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है. WIM सिस्टम डेटा को तुरंत विश्लेषण के लिए भेजता है, जिससे ऑपरेटरों को वास्तविक समय में जानकारी मिलती है. यह तकनीक लागत कम करने और पर्यावरण पर प्रभाव को कम करने में भी सहायक है.



