नसबंदी के बाद हो गई प्रेग्नेंट, डॉक्टर ने खिलाई अबॉर्शन की दवा… अब अस्पताल के चक्कर काट रही महिला

यूपी के अंबेडकरनगर जिले में एक महिला को नसबंदी कराने के बाद भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. नसबंदी के बाद भी महिला गर्भवती हो गई और अब गर्भपात के लिए दर-दर भटक रही है, लेकिन उसे कहीं से मदद नहीं मिल पा रही है.

नसबंदी के बाद प्रेग्नेंट हुई महिला

यूपी के अंबेडकरनगर जिला अस्पताल को एक महिला ने बड़ी मुश्किलों में डाल दिया है. जिससे स्वास्थ्य विभाग कर्मियों में हड़कम्प मचा हुआ है. कुछ साल पहले एक महिला ने अपनी नसबंदी कराई थी. लेकिन नसबंदी के बाद भी वह गर्भवती हो गई. अब वह महिला पिछले दो दिनों से गर्भपात कराने के लिए अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. महिला के घर वालों ने अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहा कि गर्भपात के लिए डॉक्टर ने दो दिन पहले एक दवा खाने को दी थी, लेकिन अब गर्भपात नहीं हुआ और अब डॉक्टर भी उसकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं.

यह मामला अंबेडकरनगर टांडा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का बताया जा रहा है. महिला का कहना है कि उसने कुछ साल पहले नसबंदी कराई थी. नसबंदी के बाद भी महिला फिर से गर्भवती हो गई है. प्रेगनेंसी के बारे में जब परिजनों को पता चला तो वे महिला को लेकर जिला अस्पताल पहुंच गए. जहां महिला की जांच होने पर पता चला कि महिला ढाई माह गर्भवती है. महिला बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती है. पहले तो महिला को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन महिला और उसके परिजन मानने इनकार कर रहे हैं.

गर्भपात के लिए भटक रही महिला

महिला का कहना है कि उसकी फरवरी 2021 में नशबंदी हुई थी. महिला के परिजनों का आरोप है कि प्रेगनेंसी की जानकारी होने पर पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां देखने के बाद डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज ले जाने को कहा. जब महिला को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो वहां डॉक्टर ने जिंदा बच्चे का गर्भपात करने से इंकार कर दिया. पांच जून को फिर महिला को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां पर मौजूद महिला डॉक्टर ने कहा कि पहले यह दवा खिला दो जिससे भ्रूण खत्म हो जाएगा.

महिला ने जिला पंचायत अध्यक्ष से मांगी मदद

महिला ने कहा कि जब दो दिन बाद उसने डॉक्टर से अबॉर्शन की बात कही, तो पता चला कि जिस डॉक्टर ने कहा था, उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. नर्स ने यह भी बताया कि बच्चा मर चुका है और इस जल्दी से निकलवा लो. अस्पताल का चक्कर लगा रहे परिजन ने जिला पंचायत अध्यक्ष साधू वर्मा से मदद मांगी. जिला पंचायत अध्यक्ष के समक्ष मामला आने पर सीएमओ संजय कुमार शैवाल ने महिला के इलाज के लिए सख्त निर्देश दिए, जिसके बाद शनिवार को महिला को जिला अस्पताल से महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया.