प्यार की खातिर घर छोड़ा, अब वोट ने दिलाई मायके की याद; SIR के लिए अब कहां से लाएंगी दस्तावेज?
उत्तर प्रदेश में इस वक्त SIR की प्रक्रिया चल रही है. इस बीच कानपुर से दो हैरान करने वाले मामले सामने आ रहे हैं. यहां प्रेम विवाह के चलते घर से नाता छोड़ चुकी दो युवतियों को SIR के प्रॉसेस को पूरा करने में भारी दिक्कत आ रही है.
यूपी में SIR की प्रक्रिया चल रहे हैं. लोगों को वोटर लिस्ट में शामिल करने के लिए BLO युद्धस्तर पर लगे हुए हैं. इसके लिए BLO घर-घर पहुंचकर लोगों से फॉर्म भरवाकर अपने क्षेत्र की वोटर सूची को अपडेट कर रहे हैं. साथ ही नए मतदाताओं को भी इससे जोड़ रहे हैं. लेकिन इस बीच कानपुर में इससे जुड़े दो बहुत ही हैरान करने वाले मामले सामने आए हैं. यहां प्रेम विवाह करने के चलते दो युवतिओं के एसआईआर प्रक्रिया में दिक्कत आने की बात सामने आई है.
दरअसल, हुआ यूं कि कानपुर के चमनगंज की एक मुस्लिम युवती को एक युवक से प्रेम था. परिवार शादी के लिए राजी नहीं था. तो उसने परिवार के मर्जी के खिलाफ भागकर शादी कर ली. परिवार ने नाता तोड़ लिया. अब SIR की प्रक्रिया के लिए युवती को अपने पिता का पहचान पत्र दिखाना पड़ेगा. लेकिन वह अपने परिवार से बात नहीं कर सकती है. फिलहाल, उसके SIR की प्रक्रिया को रोक दिया गया है. अगली बार दस्तावेज साथ लाने का निर्देश दिया गया है.
किदवई नगर में भी आया है ऐसा मामला
ऐसा ही एक मामला कानपुर के किदवई नगर का भी है. यहां का एक युवक नोएडा में नौकरी करता है. इसी दौरान उसे एक युवती से प्यार हो गया. लड़के के घरवाले शादी के लिए राजी थे, लेकिन लड़की का परिवार यह विवाह नहीं कराना चाहता था. लड़की भागकर कानपुर आ गई और लड़के से शादी कर ली और अपने परिवार से नाता तोड़ लिया.
ऐसे में जब BLO लड़की के ससुराल पहुंचे और SIR के लिए लड़की के पिता का दस्तावेज की मांग की तो वह उसके सामने एक बड़ी दुविधा खड़ी हो गई. लड़की अपने परिवार से बात नहीं कर पा रही थी, और एसआईआर के लिए पिता का नाम और 2003 की वोटर लिस्ट से पहचान पत्र दिखाना ज़रूरी था.
इन महिलाओं को भी SIR में हो रही दिक्कत
ये दोनों मामले यह बता रहे हैं कि उन लड़कियों के SIR की प्रक्रिया पूरा कराने में दिक्कतें आ रही हैं, जिन्होंने अपने घर की मर्जी के खिलाफ प्रेम विवाह किया है और परिवार ने उनसे नाता तो़ड़ लिया है. इसके अलावा उन महिलाओं जिनके माता-पिता की मृत्यु हो गई है या जो अपने पतियों से अलग रहती हैं उन्हें भी SIR में दिक्कतें आ रही हैं. इन महिलाएं के पास ज़रूरी दस्तावेज़, पहचान संख्या या यहां तक कि उनके परिवार का बूथ नंबर भी नहीं है. इसके लिए उन्हें अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
SIR की क्या है प्रक्रिया
SIR की के तहत आपके इलाके में अप्वाइंट किए गए BLO आपके घर-घर पहुंचते हैं. वे मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन करने का काम करता है. सरल शब्दों में कहा जाए तो BLO घर-घर जाकर फॉर्म भरवाकर यह सत्यापित करता है कि कौन व्यक्ति उस क्षेत्र में रहता है, कौन स्थानांतरित हो गया है, किसकी मृत्यु हो चुकी है और कौन नया 18 वर्ष का होकर पहली बार मतदान के योग्य हुआ है .वोटर आईडी तैयार होने के बाद उसे मतदाता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होती है.
ऐसे लोग चुनाव आयोग की वेबसाइट का लें सहारा
अधिकारियों की मानें तो प्रेम विवाह के चलते परिवार से नाता तोड़ने वाली युवतियों को भी SIR की प्रक्रिया पूरी करने में कोई दिक्कत नहीं है. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सारा डेटा मौजूद है. यहां वे अपने स्वजन की एपिक आइडी देख सकती हैं. अगर वहां भी नाम संबंधित व्यक्ति या उसके माता-पिता का नाम नहीं मिल रहा है तो SIR गणना प्रपत्र का तीसरा विकल्प चुन सकती हैं.