यमुना एक्सप्रेसवे हादसा: अब तक 18 की मौत, सिर्फ 3 शवों की पहचान, DNA से की जा रही है शिनाख्त

यमुना एक्सप्रेस वे हादसे में मरने वालों की संख्या 18 पहुंच गई है. लेकिन अब तक सिर्फ 3 शवों की पहचान हो पाई है. बाकी शवों की डीएनए मिलान की प्रक्रिया चल रही है. अधिकारियों का कहना है कि कई शवों को बड़ी मुश्किल से खुरचकर गाड़ियों से निकाला गया था. ऐसे में इनकी पहचान करने में मुश्किलें आ रही हैं.

यमुना एक्सप्रेसवे हादसा मामला

16 दिसंबर को यमुना एक्सप्रेसवे पर मथुरा के पास हुए भीषण सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 पहुंच गई है. अपने परिजनों की तलाश के लिए 11 लोगों ने जिला अस्पताल जाकर डीएनए टेस्ट के लिए अपना ब्लड दिया है. इनमें से अब तक तीन शवों को ही पहचान हो पाई है.

शिनाख्त किए जा चुके शवों को उनके परिजनों को सौंप गया दिया है. बाकी शवों की डीएनए मिलान की प्रक्रिया चल रही है. अब दुर्घटना की जांच के लिए मथुरा जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह ने एक कमेटी भी बना दी है. ये कमेटी मौके पर जाकर साक्ष जुटाकर दुर्घटना के कारण का लगाएगी और जल्द ही अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी.

16 दिसंबर की सुबह हुआ था हादसा

बता दें कि मंगलवार यानी 16 दिसंबर को सुबह 4.30 के पास यमुना एक्सप्रेस वे पर मथुरा के पास कोहरे के चलते कई 8 बस, 3 कार और 6 अन्य छोटे वाहनों के बीच हुई टक्कर हो गई थी. इस भयानक टक्कर से एक के बाद एक 7 बसों और तीन कारों में आग लग गई. हादसे में तकरीबन 79 लोग घायल हो गए थे. उस दिन कुल 13 लोगों के हताहत होने की सूचना मिली थी. अब यह संख्या बढ़कर 18 हो गई है.

गाड़ियां आपस में टकराईं तो लगा बम विस्फोट हो गया

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसा बेहद भयानक था. जब गाड़ियां आपस में टकराईं तो लगा जैसे बम विस्फोट हो गया. इस बीच एक बस में आग लग गई. इस आग ने बाकी गाड़ियों को भी अपनी चपेट में ले लिया. कई यात्री अपनी जान बचाने के लिए बसों की टूटी खिड़िकियों से कूदते नजर आए.

दिल दहलाने वाला मंजर आया सामने

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक घटना के बाद का मंजर रूह कंपाने वाला था. एक तरफ गाड़ियों से लपटें उठ रही थीं. अंदर लोग चीख रहे थे. आग बुझने के बाद जो नजारा सामने आया वह दिल दहलाने वाला था. बसों की सीटें आपस में चिपक गई थीं. इनके बीच फंसे लोगों के शव गलकर सीटों से चिपक गए थे.

बस से खुरचकर निकालना पड़ा था शव

पुलिस एवं राहत दस्ते के कर्मियों ने बड़ी मुश्किल से खुरचकर शवों को निकाला. चूंकि इन शवों की पहचान नहीं हो पा रही थी, ऐसे में अब इन शवों का डीएनए टेस्ट कराने के लिए सैंपल लिया गया. इनमें से अब तक सिर्फ तीन शवों को ही पहचान हो पाई है.