गोमूत्र से होगा डायबिटीज-हार्ट समेत 19 बीमारियों का इलाज, योगी सरकार की नई पहल

उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचगव्य (गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर) से बने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है. गोमूत्र, डायबिटीज और हार्ट समेत 19 बीमारियों के इलाज में विशेष कारगर होता है. साथ ही इस पहल से पारंपरिक चिकित्सा को भी बढ़ावा मिलेगा.

पंचगव्य से बनाया जाएगा आयुर्वेदिक मंजन और मलहम Image Credit:

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पंचगव्य से बने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू करने जा रही है. अब दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर (पंचगव्य) से आयुर्वेदिक मंजन, मलहम और औषधीय उत्पाद तैयार किए जाएंगे. आयुष विभाग के सहयोग से ये उत्पाद आयुर्वेदिक चिकित्सा में शामिल किए जाएंगे. इससे ग्रामीणों को रोज़गार मिलेगा और गोशालाओं की उपयोगिता बढ़ेगी.

योगी सरकार की यह पहल पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने पर केंद्रित है. पंचगव्य से बने उत्पादों से मधुमेह और हृदय रोग समेत 19 बीमारियों के इलाज में काफी कारगर होता है. विशेषज्ञों के अनुसार, गोमूत्र में औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.

इन 19 बीमारियों में कारगर होगा पंचगव्य

योगी सरकार के इस प्रयास के तहत कुल 19 बीमारियों के इलाज में गोमूत्र आधारित उत्पाद प्रभावी भूमिका निभाएंगे. इनमें चर्म रोग, गठिया जोड़ों का दर्द, मुंहासे, साइनस, दमा एवं सांस संबंधी रोग, पीलिया, पेट दर्द, तेज बुखार, एनीमिया, टॉन्सिल, हृदय रोग, चक्कर, सर दर्द, पालिप्स, डैंड्रफ, मधुमेह, गंजापन, अवसाद, रक्त विकार और दांत दर्द का इलाज शामिल है.

आयुष विभाग के सहयोग से होगा उत्पादन

उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि आयुष विभाग के सहयोग से पंचगव्य आधारित उत्पादों के निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाया जा रहा है. पंचगव्य का विशेष महत्व है और अब इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयार कर आमजन के लिए लाभकारी औषधियों के रूप में उपयोग में लाया जाएगा.

युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे

इस योजना में पंचगव्य से बनने वाले उत्पादों को आधुनिक अनुसंधान से जोड़कर प्रमाणिक बनाया जाए. इससे इन उत्पादों को व्यापक स्तर पर चिकित्सा पद्धति में स्थान मिलेगा. इस योजना से जहां परंपरागत चिकित्सा को बल मिलेगा, वहीं गोपालकों, किसानों और ग्रामीण युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी.