गोल्डी ने तय किया टारगेट, गोदारा ने अंजाम दिया ऑपरेशन; दिशा पाटनी के घर फायरिंग की पूरी कहानी

दिशा पाटनी की बहन खुशबू की टिप्पणी से लॉरेंस बिश्नोई काफी नाराज था. ऐसे में गोल्डी बरार ने रोहित गोदारा को उसके घर पर हमले की जिम्मेदारी दी. इसके बाद गोदारा के शूटरों ने बरेली में हमला किया. पुलिस ने सर्विलांस और फेसबुक पोस्ट के ज़रिए अपराधियों को पकड़ा और पूरी साज़िश का पर्दाफाश किया.

दिशा पाटनी से गोल्डी बरार की दुश्मनी

बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के घर फायरिंग की पूरी कहानी सामने आ चुकी है. इस वारदात के पीछे की मूल वजह संत प्रेमानंद पर दिशा पाटनी की बहन खुशबू की टिप्पणी ही है. दरअसल खुशबू की टिप्पणी गुजरात की जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई को पसंद नहीं आई थी. यह खबर लॉरेंस के हैंडलर गोल्डी बरार को मिली तो वह भी दुखी हो गया. उसने लॉरेंस को भरोसा दिया था कि वह खुशबू को दोबारा इस तरह का बयान देने लायक नहीं छोड़ेगा. इसके बाद गोल्डी बरार ने रोहित गोदारा को टारगेट दिया. कहा था कि पाटनी परिवार में इतनी दहशत हो जानी चाहिए कि वह दोबारा कुछ भी बोलने से पहले 100 बार सोंचे.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक गोल्डी बरार के निर्देश पर रोहित गोदारा ने अपने सबसे विश्वस्त शूटर रविंद्र को हॉयर किया और उसे खुद टीम बनाने की छूट देकर दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग के लिए भेजा. उस समय रविंद्र ने गोदारा की गैंग से ही अरुण, दीपू, नकुल, विजय तोमर और अनिल को अपने साथ लिया और बरेली में आकर डेरा डाल दिया. यहां दो दिन तक विधिवत रैकी करने के बाद इन्होंने अत्याधुनिक पिस्टल से दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग की थी. बरेली पुलिस के एनकाउंटर में पकड़े गए दीपू और अनिल ने स्वीकार किया है कि उनका ऑपरेशन सफल रहा है. उनकी फायरिंग से पाटनी परिवार इतनी दहशत में आ गया कि वह दोबारा इस तरह का बयान नहीं देगा.

बरार-गोदारा ने थपथपायी पीठ

पुलिस सूत्रों के मुताबिक गाजियाबाद में रविंद्र और अरुण के एनकाउंटर से ठीक पहले इनकी गोल्डी बरार और रोहित गोदारा से एक ऐप के जरिए बात हुई थी. इस बातचीत में दोनों ने इनकी पीठ भी थपथपायी, लेकिन जब रविंद्र ने बताया कि पुलिस ने उनके चारों ओर घेराबंदी कर दी है, गोल्डी ने फोन काट दिया था. उसके बाद से इन चारों में से किसी की भी बातचीत इन दोंनों गैंगस्टरों से नहीं हुई. ऐसे हालात में अनिल और दीपू दहशत में आ गए थे और नेपाल भागने की कोशिश में पुलिस के हत्थे चढ़ गए. बरेली पुलिस के मुताबिक इस वारदात की रैकी दीपू ने की थी.

सर्विलांस की मदद से खुला पूरा मामला

पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस वारदात की शुरूआती जांच के दौरान पुलिस के पास कोई सबूत नहीं थे. पुलिस को सीसीटीवी कैमरों के कुछ फुटेज तो मिले, लेकिन उनसे बदमाशों की पहचान मुश्किल थी. हालांकि फेसबुक पर गोल्डी बरार और रोहित गोदारा द्वारा वारदात की जिम्मेदारी लेने से पुलिस का काम आसान हो गया. खासतौर पर हरियाणा पुलिस इस फेसबुक पोस्ट को देखने के साथ इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से निगरानी शुरू कर दी. वहीं बरेली पुलिस और उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीमें भी मैनयुअल सर्विलांस के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सर्विलासं की मदद से बदमाशों की पहचान में जुट गए. इस प्रकार कड़ी मस्सकत और सघन निगरानी के बाद पूरे मामले का खुलासा हो सका है.