इस सरकार में आदमी ही नहीं, जानवर भी परेशान… वन्यजीव-मानव संघर्ष पर बोले अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड से लगते इलाकों में बढ़ते वन्यजीव हमलों को लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने इन घटनाओं की वजह जंगलों में अवैध कटान बताया. कहा कि इससे जंगल सिकुड़ने लगे हैं और वन्यजीवों के भोजन और आश्रय का संकट पैदा हो गया है.

अखिलेश यादव का बीजेपी पर बड़ा हमला

उत्तराखंड से लगते इलाकों में कभी तेंदुआ तो कभी भेड़या या लक्कड़बग्धों के हमलों को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बीजेपी पर करार प्रहार किया है. उन्होंने इन हमलों के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया. कहा कि जंगलों में अवैध कटान की वजह से जंगली जानवरों का जीवन खतरे में आ गया है. जंगल में शरण नहीं मिलने की वजह से वह आबादी की ओर भाग रहे हैं. ऐसे हालात में वन्य जीवों के साथ मानव संघर्ष देखने को मिल रहा है.

उन्होंने इस तरह की घटनाओं का उल्लेख करते हुए वन्यजीवों का समर्थन किया. कहा कि उन्हें भोजन का संकट आएगा तो वह इंसानी बस्तियों में जाएंगे. जब जब ऐसा होगा, लोग अपना बचाव करेंगे और फिर संघर्ष होंगे. इस तरह के संघर्षों में लोगों की जानें भी जाएंगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद जंगलों का दायरा सिकड़ने लगा है. जंगल में इंसानी हलचल बढ़ गई है. ऐसे हालात में वन्य जीवों के सामने ‘भोजन और आश्रय’ का संकट आ गया है.

कटान पर रोक लगाने की मांग

उन्होंने कहा कि पूर्ण पतन की ओर बढ़ती भाजपा सरकार के इस अंतिम चरण में छुट्टा पशुओं और हिंसक जानवरों की समस्या निर्णायक भूमिका अदा कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरपरस्ती में पेड़ों की अवैध कटाई हो रही है. हालात ऐसे बन गए हैं कि जंगल भी वन्य जीवों के लिए सुरक्षित नहीं रहे. उन्होंने जंगलों में अवैध कटान पर तुरंत रोक लगाने की मांग की. कहा कि यह स्थिति प्रकृति के लिए भी खतरनाक है.

दिया 2012 से अब तक आंकड़ा

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए वन्य जीवों के हमलों का पूरा ब्यौरा दिया है. वन विभाग के आंकड़ों को उन्होंने इस पोस्ट में लिखते हुए कहा कि प्रदेश में साल दर साल वन्य जीवों के साथ मानव संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं. इनमें मृतकों और घायलों की तादात भी साल दर साल बढ़ रही हैं. उन्होंने इन घटनाओं पर दुख जताते हुए इनके लिए बीजेपी की सरकार को जिम्मेदार बताया है.

मानव-वन्य जीव संघर्ष कब कितने मरे

  • 2012-13: 22 मृत, 42 घायल
  • 2013-14: 26 मृत, 49 घायल
  • 2014-15: 21 मृत, 18 घायल
  • 2015-16: 14 मृत, 45 घायल
  • 2016-17: 28 मृत, 40 घायल
  • 2017-18: 33 मृत, 52 घायल
  • 2018-19: 21 मृत, 43 घायल
  • 2019-20: 45 मृत, 74 घायल
  • 2020-21: 38 मृत, 98 घायल
  • 2021-22: 30 मृत, 71 घायल
  • 2022-23: 54 मृत, 103 घायल
  • 2023-24: 84 मृत, 174 घायल
  • 2024-25: 60 मृत, 220 घायल