10 दिन में चार्जशीट, 16 तारीख में फैसला; महज 58 दिन में पुलिस ने ऐसे दिलाई रेप पीड़िता को न्याय

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक 12 वर्षीय लड़की के साथ रेप के मामले में पुलिस ने महज 10 दिन में चार्जशीट दाखिल की और कोर्ट ने 16 तारीखों में ही सुनवाई करते हुए फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इस तरह के मामलों में पुलिस की तत्परता और पॉक्सो कोर्ट की प्रभावी सुनवाई सराहनीय है.

सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश में महिला अपराध खासतौर पर नाबालिग लड़कियों के साथ रेप के मामलों को लिए पुलिस और कोर्ट काफी गंभीर है. अभी गाजीपुर पुलिस ने एक 12 साल की बच्ची से रेप के मामले में महज 10 दिन में जांच कर चार्जशीट पेश कर दिया. वहीं कोर्ट ने मामले की त्वरित सुनवाई करते हुए महज 16 तारीख में ही फैसला सुनाते हुए आरोपी को उम्रकैद की सजा के साथ 42 हजार रुपये जुर्माना लगा दिया है. कोर्ट का फैसला आने के बाद गाजीपुर पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने मामले की जांच करने वाली टीम की हौंसलाफजाई की है.

इसी के साथ उन्होंने जिले की पूरी पुलिस फोर्स को महिला अपराध को रोकने और इस तरह का अपराध होने की दशा में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. डॉ. ईरज राजा के मुताबिक यह मामला बहरियाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव का है. यहां 18 जून की दोपहर एक 12 साल की बच्ची के साथ रेप का मामला सामने आया था. वारदात के वक्त बच्ची की मां किसी काम से घर से बाहर गई थी. इधर अकेली बच्ची को देखकर पड़ोस में रहने वाला आरोपी रामअवध घर में घुस आया और बच्ची के साथ हैवानियत को अंजाम दिया था.

पॉक्सो कोर्ट में हुई मजबूत पैरवी

इतने में पीड़ित बच्ची की मां घर लौट आई और आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया था. इसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया और महज 10 दिन के अंदर मामले की जांच पूरी करते हुए अदालत में 28 जून को चार्जशीट पेश कर दी. इसके बाद पुलिस ने पॉक्सो कोर्ट में भी मजबूत पैरवी की, जिसकी बिना पर कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 42 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.

16 तारीखों में कोर्ट ने सुनाया फैसला

विशेष लोक अभियोजक रविकांत पांडे के मुताबिक आरोपी मासूम बच्ची के साथ बार बार रेप कर रहा था. उन्होंने बताया कि यह बेहद संवेदनशील मामला था. इसलिए कोर्ट में महज 16 तारीखों में सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा किया गया. इसमें अभियोजन पक्ष ने कुल सात गवाह पेश किए. इसमें पुलिस की ओर से पेश किए गए तथ्यों और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने बीते शुक्रवार को सजा सुना दिया.