पहले बहू से दरिंदगी, फिर विरोध करने पर बेटे को मार दी गोली; 5 साल बाद हैवान ससुर को मिली ये सजा

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक ससुर को अपनी बहू से दुष्कर्म और बेटे की हत्या के जघन्य अपराधों के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. 2020 की इस घटना में बेटे ने बहू के साथ हुई दरिंदगी पर सवाल किया तो ससुर ने उसे गोली मार दी थी. कोर्ट ने दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसका एक बड़ा हिस्सा पीड़ित महिला को मिलेगा.

मुरादाबाद कोर्ट ने ससुर को सुनाई हैवानियत की सजा Image Credit:

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की अदालत ने अपनी बहू से दरिंदगी और बेटे की गोली मारकर हत्या करने वाले शख्स को उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसी के साथ कोर्ट ने दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मामला मुरादाबाद के मझोला थाना क्षेत्र में 28 नवंबर 2020 का है. पीड़ित महिला ने इस संबंध में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसके बाद पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी को दोषी पाया और अब उसे कठोर सजा सुनाई है.

कोर्ट ने पीड़ित महिला से रेप के मामले में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. वहीं अपने ही बेटे की गोली मारकर हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है. यह दोनों सजा एक साथ चलेंगी. इसी प्रकार दोनों मामलों को मिलाकर एक लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा. केस डायरी के मुताबिक पीड़िता ने 28 नवंबर 2020 को तहरीर दी थी. इसमें बताया था कि 25 नवंबर की रात उसका पति कामकाज के सिलसिले में घर से बाहर गया था. इस दौरान उसे घर में अकेल देखकर उसके ससुर ने उसके साथ हैवानियत की.

बेटे ने पूछा तो मार दी गोली

पीड़िता के मुताबिक उसने पति के वापस लौटने पर उसने पूरा घटनाक्रम बताया. इसके बाद उसके पति ने ससुर से इस संबंध में पूछताछ की. इस बात पर उसका ससुर और दसके देवर आक्रोशित हो गए. इतने में ससुर ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से उसके पति को गोली मार दी. ऐसे में वह बड़ी मुश्किल से अपने पति को उठाकर अस्पताल ले गई, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने पीड़िता की तहरीर के आधार पर ससुर और देवर के खिलाफ धारा 376 और 302 के तहत मामला दर्ज किया था.

पीड़िता को मिलेगी जुर्माने की रकम

कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में दोषी को 10 वर्ष का कठोर कारावास और 50,000 रुपये का आर्थिक दंड दिया. वहीं दंड राशि अदा न करने पर तीन महीने की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी. इस राशि का 80 प्रतिशत हिस्सा पीड़िता को दिया जाएगा. इसी प्रकार हत्या के मामले में कोर्ट ने ससुर को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये के आर्थिक दंड से दंडित किया गया है. इस राशि में से भी 90 प्रतिशत हिस्सा पीड़िता को दिया जाएगा.