50 साल के अधेड़ ने की 5 साल की मासूम से रेप, 57 दिन में कोर्ट ने सुनाई ऐसी सजा… जेल में ही मरेगा हैवान

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में 5 साल की बच्ची के साथ रेप के मामले में 50 वर्षीय आरोपी को 57 दिनों में ही अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस घटना को बेहद क्रूर और रेयर टू रेयरेस्ट बताते हुए कहा कि आरोपी को जेल से बाहर आने का कोई अधिकार नहीं है. मामला 11 मार्च का है. इसमें पुलिस ने भी न्यूनतम समय में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल किया था.

सांकेतिक तस्वीर Image Credit:

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की अदालत ने 5 साल की बच्ची से रेप के मामले में आरोपी को ऐसी सजा सुनाई है कि अब उसकी मौत भी जेल में ही होगी. अदालत ने महज 57 दिन में ही आरोपी के खिलाफ यह सजा सुनाकर नजीर कायम किया है. यह मामला शाहजहांपुर में कटरा थाना क्षेत्र के बढ़नी गांव में इसी साल 11 मार्च का है. हैवानियत की शिकार बच्ची की मां ने उसी दिन पुलिस में शिकायत दी. पुलिस ने भी बिना देरी किए आरोपी को अरेस्ट किया और मामले की जांच करते हुए मजबूत चार्जशीट फाइल कर दी.

इसके बाद कोर्ट ने त्वरित सुनवाई करते हुए शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया है. महज 57 दिन में मामले का निस्तारण करते हुए कोर्ट ने इस वारदात को रेयर टू रेयरेस्ट कहा और उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा कि मौत से पहले इसे जेल से बाहर आने का कोई अधिकार नहीं है. इसी के साथ कोर्ट ने आरोपी पर एक लाख 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मामले की सुनवाई एडिशनल सेशन जज (पॉक्सो एक्ट) मनोज सिद्धू की अदालत में हुई. विशेष लोक अभियोजक संजीव कुमार सिंह के मुताबिक वारदात के दिन पीड़ित बच्ची अपनी गली में खेल रही थी.

खून से लथपथ हालत में लौटी थी बच्ची

इसी दौरान आरोपी पुष्पराज उसे बहला फुसलाकर बगिया में ले गया और इस हैवानियत को अंजाम दिया. वारदात के बाद खून से लथपथ बच्ची अपने घर पहुंची और अपनी मां के सामने रोते हुए मामले की जानकारी दी. इसके बाद बच्ची की मां ने पुलिस में लिखित शिकायत देते हुए मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने भी मामले को गंभीरता से लिया और कम से कम समय में मुकदमा दर्जकर मजबूत चार्जशीट तैयार की.मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने माना कि इस तरह की वारदातों से बच्चों को शारीरिक और मानसिक कष्ट होता है और इसका सीधा असर उनके भविष्य पर पड़ता है.

कोर्ट ने माना जघन्यतम अपराध

कोर्ट ने कहा कि यह जघन्यतम अपराध है और इस तरह के अपराधी समाज के लिए खतरा हैं. कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस तरह के अपराधियों को किसी तरह की रियायत नहीं मिलनी चाहिए, ना ही इस तरह के अपराधियों के प्रति किसी को कोई सिंपैथी होनी चाहिए. कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाते हुए कहा कि इससे इस तरह के अपराधियों को सीधा संदेश मिलेगा.