मिट्टी में मिले UP के 243 अपराधी, 31 हजार को जेल; इस ऑपरेशन में पुलिस ने भी चुकाई बड़ी कीमत

उत्तर प्रदेश में अपराध और अपराधियों के खिलाफ शुरू हुए अभियान में अब तक 243 अपराधी मारे गए हैं. वहीं 31,000 से ज़्यादा अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इस ऑपरेशन में पुलिस को भी भारी कीमत चुकानी पड़ी है. इसमें 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 1720 घायल हुए हैं.

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ लेने के साथ ही अपराध एवं अपराधियों के खात्मे का ऐलान किया था. उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि अपराधियों को उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा, अन्यथा उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ 20 मार्च 2017 को ऑपरेशन शुरू भी कर दिया. इस ऑपरेशन में अब तक पुलिस ने 243 अपराधियों को मार गिराया है. वहीं 31016 अपराधियों को जेल पहुंचा दिया है. जेल जाने वाले अपराधियों में भी ज्यादातर की टांग में गोली लगी है.

उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश के मुताबिक साल 2017 से अपराधियों के खिलाफ शुरू हुआ मिट्टी में मिलाने का ऑपरेशन बदस्तूर जारी है. हालांकि इस ऑपरेशन की बड़ी कीमत पुलिस को भी चुकानी पड़ी है. एडीजी कानून व्यवस्था और एसटीएफ चीफ अमिताभ यश के मुताबिक इस ऑपरेशन को अंजाम देते हुए 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं. वहीं 1720 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं. इसके बावजूद पुलिस के हौंसले बुलंद हैं.

गुरुवार को प्रयागराज में फुल एनकाउंटर

अपराध एवं अपराधियों के खिलाफ जारी अभियान के तहत यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को ही झारखंड के कुख्यात माफिया डॉन आशीष रंजन उर्फ छोटू को मार गिराया है. यह एनकाउंटर प्रयागराज के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र में हुआ. झारखंड पुलिस के इनपुट पर एक्टिव हुई यूपी एसटीएफ ने शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के शिवराजपुर चौराहे पर इस बदमाश को घेर लिया और आमने सामने की फायरिंग में इस बदमाश को मार गिराया. झारखंड में कोयला नगरी धनबाद के रहने वाले इस बदमाश छोटू के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती समेत 50 से अधिक मामले दर्ज थे और पुलिस ने इसके खिलाफ 4 लाख का इनाम घोषित किया था.

हरदोई में भी ढेर हुए दो बदमाश

इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र बाजपाई की हत्या करने वाले दो बदमाशों संजय तिवारी और राजू तिवारी को हरदोई में ढेर कर दिया था. इन दोनों बदमाशों पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. यह दोनों बदमाश पांच महीने पहले पत्रकार राघवेंद्र की हत्या के बाद से ही फरार चल रहे थे. पुख्ता इनपुट पर पुलिस ने इन दोनों की घेराबंदी की, लेकिन इन बदमाशों ने पुलिस पर ही फायरिंग शुरू कर दी. ऐसे में जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इन्हें गोली मारकर मौत की नींद सुला दी है.