नहीं सुनी जा रही हमारी बात, टाइम लेकर भाग जाती है सरकार; सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आजम खान
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने उत्तर प्रदेश सरकार पर अपने मामलों की सुनवाई में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है. इन्हीं आरोपों के साथ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने एसएलपी दाखिल करते हुए कहा है कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही और राजनीतिक प्रतिशोध से मामले को लटकाने की कोशिश कर रही है.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान ने उत्तर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही. ऐसे हालात में आजमखान ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दाखिल की है. सीतापुर जिला जेल में बंद आजम खान ने इस याचिका के साथ एक शपथपत्र भी दाखिल किया है. इसमें उन्होंने राज्य सरकार पर उनके मामलों की सुनवाई में अड़ंगा लगाने और बार-बार टालने का आरोप लगाया है.
76 वर्षीय वरिष्ठ सपा नेता मोहम्मद आजम खान ने अपने शपथपत्र में स्पष्ट किया है कि उनकी याचिका में कोई नई बात या तथ्य या दस्तावेज नहीं जोड़ा गया है. बल्कि वह केवल उन्हीं बिंदुओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट आए हैं, जो पहले ही निचली अदालतों में प्रस्तुत किए जा चुके हैं. यह जानकारी आजम खान के पैरोकार युसूफ मलिक ने TV9 भारतवर्ष से विशेष बातचीत में दी. उन्होंने कहा कि कोर्ट में सुनवाई के वक्त सरकारी अधिवक्ता बार-बार अदालत में समय लेकर चले जाते हैं. जबकि वह हर बार कोशिश करते हैं कि उनके मामले को सुना जाए.
आजम पर दर्ज हैं 100 से अधिक मामले
ऐसे हालात में ना केवल न्याय प्रक्रिया में प्रभावित हो रही है, बल्कि इस वजह से उनके क्लायंट को बेवजह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. इन्हीं परेशानियों के चलते उन्होंने एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. रामपुर से पूर्व विधायक और सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक मोहम्मद आजम खान पर 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन्हीं मामलों में वह पिछले कई वर्षों से सीतापुर जेल में बंद हैं. इस दौरान आजम खान लगातार सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते रहे हैं.
एक मामले में हो चुकी है 7 साल की कैद
उन्होंने अब सर्वोच्च न्यायालय से न्याय की उम्मीद जताई है. हाल ही में एक मामले में आजमखान को 7 साल के कैद की सजा सुनाई गई है. समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश में आजम खान का जलवा था. उन दिनों में उन्हें मिनी मुख्यमंत्री तक कह दिया गया. हालांकि साल 2017 में जब उत्तर प्रदेश की सरकार बदली, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सत्ता में आए, उसके बाद से ही आजम खान के पतन की शुरूआत हो गई थी.



