बसपा MLA उमाशंकर से जुबानी जंग, ‘बलिया के मालवीय’ का नाम लेकर अपने ही घर में कैसे घिर गए मंत्री दयाशंकर सिंह?
उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह अब अपने ही परिवार में घिर गए हैं. बसपा विधायक उमाशंकर सिंह के साथ राजनीतिक रंजिश के बीच उन्होंने अपने मामा मैनेजर सिंह का नाम लिया था. अब मैनेजर सिंह के पोते शैलेंद्र सिंह ने ही उन्हें कड़ी नसीहत दे दी है. कहा कि वह मैनेजर सिंह का नाम इज्जत से लें.
उत्तर प्रदेश में बसपा के इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह से राजनीतिक रंजिश के बीच परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह अपने ही घर में घिर गए हैं. उन्होंने उमाशंकर सिंह को जवाब देते हुए अपने मामा और बलिया के मालवीय कहे जाने वाले मैनेजर सिंह का जिक्र किया था, लेकिन अब उसी मैनेजर सिंह के पोते शैलेंद्र सिंह ने उन्हें कड़ी नसीहत दे दी है. शैलेंद्र सिंह ने साफ तौर पर कहा कि उनके बाबा की इज्जत केवल बलिया में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में थी. आज भी लोग उनका नाम सम्मान से लेते हैं. दयाशंकर सिंह को भी सम्मान के साथ उनका नाम लेना चाहिए.
यही नहीं, शैलेंद्र सिंह ने दयाशंकर सिंह को हिदायत दी कि वह बाबा का नाम अपनी ओछे कामों में ना घसीटें. शैलेंद्र सिंह का यह बयान सामने आने के बाद परिवार के अंदर और बाहर दयाशंकर सिंह के तमाम विरोधी सामने आने लगे हैं. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर दयाशंकर सिंह अचानक से अपने घर में ही क्यों घिरने लगे हैं. इसका जवाब भी शैलेंद्र सिंह ने दिया है. उन्होंने कहा कि दयाशंकर सिंह ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए उनके बाबा द्वारा स्थापित स्कूलों पर कब्जा किया है.
स्कूलों पर कब्जे का है विवाद
उन्होंने कहा कि सुदिष्ट बाबा डिग्री कॉलेज और इंटर कॉलेज पर वह कब्जा कर चुके थे, लेकिन हाईकोर्ट से उन्होंने स्टे ले लिया है. अब बाकी स्कूलों के मैनेजमेंट के मामले में भी कानूनी कार्रवाई जारी है. उन्होंने उम्मीद जताई कि वह बहुत जल्द अपने बाबा द्वारा स्थापित शिक्षण संस्थानों को मुक्त कराते हुए वापस यहां शिक्षा का माहौल बनाने में सफल हो जाएंगे. बता दें कि उत्तर प्रदेश में पूर्व विधायक मैनेजर सिंह एक दर्जन से अधिक शिक्षण और प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना की थी. उनका उद्देश्य बलिया को साक्षर बनाना था.
यह है मामला
पिछले दिन बलिया में बाढ़ की स्थिति बनी थी. इस दौरान जर्जर हो चुकी कटहर नाला पर बनी पुरानी पुलिया भी खतरे में आ गई थी. ऐसे में पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने आनन फानन में नई बनी पुलिया को बिना उद्घाटन कराए ही आवागमन के लिए खोल दिया था. इसकी जानकारी दयाशंकर सिंह को मिली तो उन्होंने बीच सड़क पर ना केवल पीडब्ल्यूडी के अफसरों को हड़काया, बल्कि बिना नाम लिए आरोप लगाया कि ये अधिकारी बसपा विधायक के घर से ऑफिस चला रहे हैं.
खूब लगे आरोप प्रत्यारोप
इसके बाद बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने भी जवाब दिया, लेकिन दयाशंकर सिंह ने पलटवार करते हुए उनके पिता को तेल बेचने वाला और खुद को मैनेजर सिंह का भांजा बताया था. उनके इसी बयान पर मैनेजर सिंह के पोते शैलेंद्र सिंह ने प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि उमाशंकर सिंह के पिता पूर्व सैनिक हैं और दयाशंकर सिंह को कोई हक नहीं बनता कि एक पूर्व सैनिक की बेइज्जती करें. इसी के साथ उन्होंने कहा था कि दयाशंकर सिंह को उनके बाबा के नाम का इस्तेमाल इस कदर ओछी बयानबाजी में नहीं करनी चाहिए.