अदावत खत्म? CM योगी आदित्यनाथ से मिले बृजभूषण शरण सिंह, आधे घंटे तक चली मुलाकात
पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है. दोनों बीच के ये बैठक करीब आढ़े घंटे तक चली है. इससे पूर्वांचल की राजनीति में हलचल मच गई है. माना जा रहा है कि इस मुलाकात से दोनों के बीच मनमुटाव खत्म हो सकता है.

उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने सेमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है. बृजभूषण सिंह, लनखऊ स्थित आवास पर सीएम योगी से मुलाकात की है. दोनों बीच के ये बैठक करीब आढ़े घंटे तक चली है. इस मुलाकात से पूर्वांचल की राजनीति में हलचल बढ़ गई है. क्यों कि काफी दिनों से दोनों के बीच संबंध कड़वे थे.
यह दूसरी बार है जब बृजभूषण शरण सिंह सीएम योगी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं. बृजभूषण सिंह के सीएम योगी के साथ संबंध मधुर नहीं हैं. बृजभूषण सिंह कई बार सीएम योगी के नीतियों के खिलाफ खुलकर बोल चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि इस मुलाकात से दोनों के बीच मनमुटाव खत्म हो सकता है. वहीं, मुलाकात के बाद बृजभूषण सिंह ने कहा कि योगी प्रदेश के CM हैं, मुलाकात तो होनी चाहिए.
3 सालों से सियासी तनाव की खबरें सुर्खियों में
बृजभूषण शरण सिंह और सीएम योगी के बीच पिछले 3 सालों से सियासी तनाव की खबरें सुर्खियों में रही हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद दोनों नेताओं को किसी सार्वजनिक मंच पर साथ नहीं देखा गया. जनवरी 2022 में बृजभूषण ने अपने जन्मदिन पर सीएम योगी को आमंत्रित करने के लिए उनके आवास पर मुलाकात की थी, लेकिन योगी के कार्यक्रम में शामिल न होने से दोनों के रिश्तों में ठंडापन और गहरा गया.
2022 में बृजभूषण ने खुलकर सरकार की आलोचना की थी, जब उनके घर में बाढ़ का पानी घुस गया था. इसके अलावा, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के प्रति उनके नरम रुख और तारीफ भरे बयानों ने बीजेपी के अंदर और बाहर सियासी हलचल को बढ़ा दिया. बृजभूषण ने हाल ही में अखिलेश को ‘धार्मिक’ और ‘श्रीकृष्ण के वंशज’ तक कह डाला, जिससे उनके बीजेपी से दूरी और सपा की ओर झुकाव की अटकलें तेज हो गई थीं.
सीएम योगी ने उनके दुश्मन से की थी मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण शरण सिंह इस मुलाकात में मुख्यमंत्री योगी से अपने लिए और अपने परिवार के लिए सियासी संरक्षण की उम्मीद लेकर पहुंचे थे. उनके बेटे करण भूषण सिंह वर्तमान में कैसरगंज से बीजेपी सांसद हैं, जबकि छोटा बेटा प्रतीक भूषण सिंह विधायक हैं. बृजभूषण ने पहले कहा था कि उनके बेटे नियमित रूप से योगी से मिलते हैं और मुख्यमंत्री उनके प्रति स्नेह रखते हैं.
गोंडा की सियासत में बृजभूषण शरण सिंह और केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह के बीच पुराना टकराव रहा है. कीर्तिवर्धन के पिता और पूर्व मंत्री आनंद सिंह के निधन पर सीएम योगी गोंडा पहुंचे थे और हाल ही में उन्होंने कीर्तिवर्धन से भी मुलाकात की थी. गोंडा में दोनों नेताओं के खेमे सियासी वर्चस्व की जंग में हमेशा आमने-सामने रहे हैं. 2021 में आनंद सिंह ने जेपी नड्डा को पत्र लिखकर गौरा विधायक का टिकट काटने की मांग की थी, जिसके जवाब में बृजभूषण ने उनपर सपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था.
भविष्य में कोई नया सियासी रास्ता चुनेंगे?
बृजभूषण का समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के प्रति नरम रवैया बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहा है. उन्होंने हाल ही में अखिलेश की तारीफ करते हुए कहा था कि सपा मुखिया की ‘राजनीतिक मजबूरी’ उन्हें धर्म विरोधी बयान देने के लिए मजबूर करती है, लेकिन वह धार्मिक हैं. इसके अलावा, बृजभूषण ने मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल की तारीफ करते हुए उनके साथ अपने अच्छे अनुभव साझा किए थे, जिससे सपा समर्थकों में उत्साह देखा गया.
सियासी विश्लेषकों का मानना है कि बृजभूषण का सपा के प्रति यह झुकाव और बीजेपी से नाराजगी उनकी भविष्य की सियासी रणनीति का हिस्सा हो सकता है. गोंडा और पूर्वांचल की सियासत में बृजभूषण का प्रभाव अभी भी कायम है, लेकिन योगी के साथ तनाव ने उनके लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं. इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में अटकलों का दौर तेज हो गया है कि क्या बृजभूषण बीजेपी में अपनी स्थिति मजबूत कर पाएंगे या भविष्य में कोई नया सियासी रास्ता चुनेंगे…



