यूपी में 11 MLC सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, अजय राय ने गठबंधन से किया इनकार
यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने आगामी विधान परिषद (MLC) के चुनाव में अकेले उतरने का ऐलान किया है. शिक्षक और स्नातक विधान परिषद के 11 सीटों पर चुनाव होने हैं. कांग्रेस ने इन सीटों पर समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के इनकार कर दिया है.
उत्तर प्रदेश में शिक्षक और स्नातक विधान परिषद के 11 सीटों पर अगले साल चुनाव होने हैं. इसको लेकर राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है. यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने शुक्रवार को इन सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ शिक्षक और स्नातक विधान परिषद के चुनाव में गठबंधन नहीं रहेगा.
यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन में है, दोनों विपक्ष की इंडिया अलायंस में भी शामिल है. ऐसे में अजय राय के इस ऐलान से गठबंधन में हलचल बढ़ सकती है. क्योंकि, इससे पहले ही कांग्रेस यूपी में पंचायत स्तर के चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर चुकी है. यूपी में 5 स्नातक और 6 शिक्षक विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल 7 दिसंबर 2026 को समाप्त हो रहा है.
इन 11 MLC का कार्यकाल होने वाला है समाप्त
यूपी में 5 स्नातक और 6 शिक्षक विधान परिषद समेत 11 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव किया जाएगा. 7 दिसंबर 2026 को अवनीश कुमार सिंह, आशुतोष सिन्हा, डॉ. मान सिंह यादव, दिनेश कुमार गोयल, डॉ. हरि सिंह ढिल्ली, डॉ. मानवेंद्र प्रताप सिंह ‘गुरुजी’, ध्रुव कुमार त्रिपाठी और उमेश द्विवेदी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. विधान परिषद में स्नातक और शिक्षक कोटे के कुल 16 सीटें हैं.
यूपी विधान परिषद में कुल 100 सीटें
निर्वाचन आयोग ने एमएलसी चुनाव के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया 2025 में ही शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इसको लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है. चुनाव अगले साल के शुरूआत में होने की उम्मीद है. उत्तर प्रदेश विधान परिषद में कुल 100 सीटें हैं. इनमें विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र- 38, स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र 36, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र-8, स्नातक के 8 और 10 मनोनीत सदस्य हैं.
पंचायत चुनाव भी अपने दम पर लड़ेगी कांग्रेस
अजय राय ने इससे पहले साल 2026 में होने वाले पंचायत और जिला पंचायत का चुनाव भी अकेले लड़ने की घोषणी की थी. उन्होंने कहा था कि यूपी में पंचायत स्तरीय चुनाव कांग्रेस अपने दम पर लड़ेगी, इससे साल 2027 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का मार्ग प्रशस्त होगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि 2027 में गठबंधन किसके साथ होगा ये शीर्ष नेतृत्व तय करेगा.