कौन हैं पंकज चौधरी, जिन्हें यूपी UP बीजेपी अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे बताया जा रहा?
पंकज चौधरी कुर्मी समुदाय से आते हैं, जो उत्तर प्रदेश में यादवों के बाद सबसे बड़ा ओबीसी वोटबैंक (लगभग 7-10%) माना जाता है. उन्होंने 1991 में पहली बार महाराजगंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत गए. वह यहां से कुल 7 बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंच चुके हैं.
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के लिए चल रही खामोश लेकिन तीव्र दौड़ अब लगभग खत्म हो चुकी है.पार्टी के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महाराजगंज से सात बार के सांसद पंकज चौधरी का नाम लगभग तय मान लिया गया है.घोषणा 13 दिसम्बर तक हो सकती है।अगर यह नियुक्ति हो जाती है तो यह पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुर्मी समाज के सबसे मजबूत और शालीन चेहरों में से एक की राजनीतिक यात्रा का नया अध्याय होगा.
20 नवंबर 1964 को गोरखपुर में जन्मे पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर 1989 में गोरखपुर नगर निगम के पार्षद चुनाव से शुरू हुआ था.उसी साल गोरखपुर से अलग होकर महाराजगंज नया जिला बना और पंकज ने इसे अपनी कर्मभूमि बना लिया. 1991 में पहली बार महाराजगंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत गए.उसके बाद 1996, 1998, 2004, , 2019 और 2024 कुल सात बार उन्होंने इस सीट पर कब्जा जमाया. 2009 2014 को छोड़कर (जब यूपी में मोदी लहर के बावजूद वे हार गए थे) वे लगातार जीत का यह सिलसिला पूर्वांचल में कुर्मी + ओबीसी + सवर्ण समीकरण की मिसाल बन चुका है.
कुर्मी चेहरा, ओबीसी रणनीति का मजबूत खंभा
पंकज चौधरी कुर्मी समुदाय से आते हैं, जो उत्तर प्रदेश में यादवों के बाद सबसे बड़ा ओबीसी वोटबैंक (लगभग 7-10%) माना जाता है.पूर्वांचल, अवध और बुंदेलखंड की करीब 40-50 विधानसभा सीटों पर कुर्मी वोट निर्णायक होते हैं.
क्या सपा की पीडीए की काट पंकज चौधरी?
पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक रणनीति ने कुर्मी वोटों का एक बड़ा हिस्सा खींच लिया था.नतीजा यूपी में BJP को 33 सीटों का नुकसान.अब 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी गैर-यादव ओबीसी को फिर से एकजुट करने की बड़ी रणनीति पर काम कर रही है.पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला इसी रणनीति का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है.मोदी 3.0 कैबिनेट में यूपी से 10 मंत्रियों में 4 ओबीसी हैं, जिनमें दो कुर्मी पंकज चौधरी और अनुप्रिया पटेल.यह जातीय संतुलन 2027 की तैयारी का स्पष्ट संकेत है.
बेहद शालीन नेताओं में शुमार पंकज चौधरी
शालीन छवि, जमीनी नेतापार्टी के अंदर पंकज चौधरी की गिनती बेहद शालीन, कम बोलने वाले लेकिन काम करने वाले नेताओं में होती है.वे कभी विवादों में नहीं रहे. उनकी माता उज्ज्वल चौधरी महाराजगंज जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं. पत्नी भाग्यश्री चौधरी सामाजिक कार्यों में सक्रिय है. परिवार जमींदार पृष्ठभूमि से है और 2024 के हलफनामे में पंकज चौधरी की कुल संपत्ति करीब 41.90 करोड़ रुपये बताई गई है.
अगर पंकज चौधरी अध्यक्ष बनते हैं तो होगा ये फायदा
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल खत्म हो रहा है. पार्टी हाईकमान 2027 से पहले संगठन को पूरी तरह ओबीसी-केन्द्रित करना चाहता है. पंकज चौधरी अगर अध्यक्ष बनते हैं तो पूर्वांचल के कुर्मी वोटों को मजबूत करने के साथ-साथ पूरे प्रदेश में गैर-यादव पिछड़े वर्गों को साधने की बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर होगी. सूत्रों का कहना है कि नाम लगभग फाइनल है. बस औपचारिक घोषणा बाकी है. जब घोषणा होगी, तो उत्तर प्रदेश BJP के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू हो जाएगा.