यूपी बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है? कौन डालता है वोट? क्या है पूरी प्रक्रिया?

यूपी बीजेपी अध्यक्ष के लिए पार्टी ने संगठन पर्व के तहत प्रांतीय परिषद के सदस्यों की सूची जारी कर दी है. ये सदस्य प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में वोटिंग करेंगे. कुल करीब 400 सदस्यों की यह सूची 403 विधानसभा क्षेत्रों से चुनी गई है. माना जा रहा है बीजेपी आलाकमान पहले ही प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय कर चुकी है. बाकी की प्रक्रिया केवल औपचारिकता है. अब सिर्फ नाम का ऐलान करना बाकी है.

यूपी बीजेपी ऑफिस ( फाइल फोटो) Image Credit:

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संगठनात्मक चुनावों का अंतिम चरण शुरू हो चुका है. लंबे इंतजार के बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. 13 दिसंबर को नामांकन प्रक्रिया होगी, जबकि 14 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में चुनाव संपन्न होकर नया अध्यक्ष चुना जाएगा. यह फैसला 2027 विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की रणनीति को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है, जहां ओबीसी वोटबैंक को साधने पर खास फोकस है.

पार्टी ने संगठन पर्व के तहत प्रांतीय परिषद के सदस्यों की सूची जारी कर दी है. इनमें सांसद डॉ. महेश शर्मा, छत्रपाल सिंह गंगवार, देवेंद्र सिंह भोले, केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान, डॉ. विनोद कुमार बिंद के अलावा अरुण पाठक, अशोक कटारिया, अश्वनी त्यागी, राजकुमार महाराज सिंह, श्री तारिक मंसूर, पद्म सेन चौधरी और विजय बहादुर पाठक जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं. ये सदस्य प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में वोटिंग करेंगे.कुल करीब 400 सदस्यों की यह सूची 403 विधानसभा क्षेत्रों से चुनी गई है, जिनमें से 327 पहले ही निर्धारित हो चुके थे.

सर्वसम्मति से चयन, वोटिंग आखिरी विकल्प

बीजेपी की आंतरिक प्रक्रिया के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव एक सुनियोजित तरीके से होता है, जो संगठन की मजबूती और जमीनी स्तर पर स्वीकार्यता पर आधारित है. इसके लिए नामांकन 13 दिसंबर को दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय में दाखिल किए जाएंगे. राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे. नामांकन पत्रों की जांच उसी शाम 4 से 5 बजे के बीच होगी. यदि एक ही नामांकन आता है, तो सर्वसम्मति से उसी दिन चयन हो जाएगा.

यदि एक से अधिक नामांकन होते हैं, तो प्रांतीय परिषद के 14 दिसंबर को सदस्य वोट डालेंगे. केंद्रीय चुनाव अधिकारी पीयूष गोयल चुनाव प्रक्रिया पूरी करेंगे. वोटिंग के बाद तुरंत गिनती और परिणाम घोषित हो जाएगा. साथ ही, राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों का भी चयन होगा.

जानें कौन डालता है प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए वोट

मुख्य रूप से प्रांतीय परिषद के सदस्य ही वोट देते हैं. ये सदस्य जिला और मंडल स्तर के चुनावों से चुने जाते हैं. कुल 400 सदस्यों में सांसद, विधायक, जिला अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं. पार्टी का संविधान कहता है कि प्रत्येक स्तर पर चुने गए अध्यक्ष अपनी टीम नामित करते हैं, जो ऊपरी स्तर पर वोटिंग में भाग लेते हैं.

यह चुनाव संगठन पर्व का हिस्सा है, जो नवंबर 2024 से चल रहा था. मंडल स्तर पर 1-15 दिसंबर, जिला स्तर पर 15-31 दिसंबर तक चुनाव हुए. अब प्रदेश स्तर पर मुहर लगेगी. राष्ट्रीय नेतृत्व ने चयन के लिए संगठनात्मक क्षमता, जमीनी पकड़ और जातीय संतुलन जैसे मानदंड तय किए हैं.

नामांकन से पहले शीर्ष नेताओं की होगी बैठक

पार्टी सूत्रों के अनुसार, नामांकन से पहले लखनऊ में शीर्ष नेताओं की बैठक होगी, जहां सर्वसम्मति बनाने की कोशिश की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक नामांकन के प्रस्तावक बन सकते हैं. यदि सर्वसम्मति नहीं बनी, तो ही वोटिंग होगी.

पंकज चौधरी और बीएल वर्मा सबसे आगे

2024 लोकसभा चुनावों में यूपी में बीजेपी की सीटें 62 से घटकर 33 रह गईं, जिसका बड़ा कारण सपा की PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) रणनीति से ओबीसी वोटों का ध्रुवीकरण माना जा रहा है. ऐसे में नया अध्यक्ष ओबीसी समुदाय से ही होगा, ताकि गैर-यादव ओबीसी (कुर्मी, लोधी, निषाद आदि) को मजबूत किया जा सके.

माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी (कुर्मी), राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा (लोधी), मंत्री धर्मपाल सिंह, स्वतंत्र देव सिंह, केशव प्रसाद मौर्य, साध्वी निरंजन ज्योति और बाबूराम निषाद का नाम अध्यक्ष पद के लिए चल रहा है. इनमें पंकज चौधरी और बीएल वर्मा की दावेदारी सबसे मजबूत बताई जा रही है.

पार्टी के लिए कोर्स करेक्शन का मौका

2026 पंचायत चुनाव और 2027 विधानसभा से पहले यह चयन पार्टी के लिए कोर्स करेक्शन का मौका है. पूर्वांचल, अवध और बुंदेलखंड में ओबीसी वोट निर्णायक हैं. राष्ट्रीय नेतृत्व ने जातीय संतुलन पर जोर दिया है. मोदी 3.0 कैबिनेट में ही यूपी से 4 ओबीसी मंत्री हैं.

लखनऊ में जुटेंगे दिग्गज, 2027 की रणभेरी?

पार्टी ने सभी प्रमुख नेताओं – सांसदों, विधायकों और परिषद सदस्यों – को लखनऊ बुला लिया है. पीयूष गोयल और विनोद तावड़े शनिवार को पहुंचेंगे. वर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने हाल ही में पीएम मोदी से मुलाकात की, जो चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने का संकेत दे रही है.कार्यकर्ताओं में उत्साह है.

एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह चुनाव सिर्फ कुर्सी नहीं, बल्कि 2027 की नींव रखेगा. नया अध्यक्ष संगठन को नई ऊर्जा देगा. यदि सर्वसम्मति बनी, तो 14 दिसंबर को ही नया चेहरा सामने आ जाएगा. उत्तर प्रदेश बीजेपी का यह चुनाव न सिर्फ राज्य, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी नजरें खींच रहा है. क्योंकि यूपी से राष्ट्रीय परिषद के सदस्य चुने जाते हैं, जो राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव को प्रभावित करेंगे. फिलहाल, सियासी गलियारों में अटकलें जोरों पर हैं .