असली ABCD आती तो सत्ता से बाहर नहीं होते… ओपी राजभर का अखिलेश पर सीधा हमला

उत्तर प्रदेश की राजनीति में 'एबीसीडी' विवाद ने तूल पकड़ लिया है. यूपी में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अब इसपर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि अगर सपा को असली एबीसीडी आती, तो आज उनकी (अखिलेश यादव) पार्टी सत्ता से बाहर न होती.

SBSP के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय ‘एबीसीडी’ को लेकर सियासी तकरार जारी है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पीडीए पाठशाला में एबीसीडी का अलग-अलग वर्णन किया गया. इसपर सूबे के मुख्यमंत्री ने भी पलटवार किया था. अब यूपी में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने उसी एबीसीडी से पलटवार करते हुए सपा के शासनकाल को कठघरे में खड़ा कर दिया.

राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए जिस ‘एबीसीडी’ को अपनाया, उसी ने प्रदेश की हालत बिगाड़ दी. उनके मुताबिक ‘A’ से अराजकता, ‘B’ से भ्रष्टाचार, ‘C’ से चोर और ‘D’ से दलाली, सपा शासन की असल पहचान थी. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर सपा को असली एबीसीडी आती, तो आज उनकी पार्टी सत्ता से बाहर न होती.

‘Y’ से यादववाद और ‘Z’ से जीरो बदलाव

ओपी राजभर ने कहा कि इस पार्टी ने शासन में स्थायित्व नहीं दिया, भ्रष्टाचार को संस्थागत बना दिया, अपराधियों को संरक्षण दिया और हर निर्णय में सिफारिश व दलाली को प्राथमिकता दी. उन्होंने इस दौरान अंग्रेजी अल्फाबेट सुनाकर भी निशाना साधा है. उन्होंने ‘Y’ से यादववाद और ‘Z’ से जीरो बदलाव करते हुए अखिलेश यादव की नीतियों को जातिवादी और भाई-भतीजावादी करार दिया.

राजभर ने सपा शासन में शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब अखिलेश यादव सत्ता में थे, तब सरकारी स्कूल बच्चों की पढ़ाई के लिए नहीं, बल्कि नकल माफिया और भर्ती घोटालों के लिए कुख्यात थे. उन्होंने बताया कि सपा के शासन में एक भी ऐसा स्कूल नहीं बना, जिसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए आदर्श कहा जा सके.

खुद पीडीए की परिभाषा उजागर कर रहे हैं

सपा की पाठशाला में ए फार अखिलेश पढ़ाये जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने भी इसपर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी की जब सरकार थी तो जी फार गदहा पढ़ाया जाता था. वहीं, ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी के पास कोई काम नहीं है ये सब दगे हुए कारतूस हैं. अब ए फार अखिलेश, डी फार डिंपल और पी फार परिवार कर खुद पीडीए की परिभाषा उजागर कर रहे हैं.

ओपी राजभर ने सुनाई पूरी ABCD

A – अराजकता (शासन में स्थायित्व की कमी)
B – भ्रष्टाचार (नेताओं पर बार-बार घोटालों के आरोप)
C – चोर (इनके राज में बोलबोला)
D – दलाली (टिकट और पद के बदले सिफारिश की राजनीति)
E – ईर्ष्या (दूसरे दलों की उपलब्धियों को नीचा दिखाना)
F – फर्जीवाद (उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना)
G – गुंडागर्दी (कार्यकर्ताओं पर दबंगई के आरोप)
H – हेराफेरी (योजनाओं में वित्तीय गड़बड़ी)
I – इंफ्रास्ट्रक्चर की अनदेखी (विकास की बजाय वोट बैंक की राजनीति)
J – जातिवाद (नीतियों का झुकाव खास जातियों की ओर)
K – कुशासन (प्रशासनिक नियंत्रण में ढिलाई)
L – लाल बत्ती संस्कृति (वीआईपी कल्चर को बढ़ावा)
M – मुलायम रुख (अपराधियों के प्रति नरम रवैया)
N – नौटंकी (चुनावी वादों में नाटकीयता)
O – ओछी राजनीति (विरोधियों पर निजी हमले)
P – पिछड़ापन (राज्य को आगे बढ़ाने में विफलता)
Q – क्वालिटी की कमी (शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट)
R – रिश्तेदारवाद (अपने लोगों को पद देना)
S – सांप्रदायिक तुष्टिकरण (वोट के लिए धार्मिक वर्गों को खुश करना)
T – टोपी ड्रामा (प्रतीकों के ज़रिये दिखावटी सेक्युलरिज़्म)
U – उदासीनता (युवाओं और बेरोज़गारी के मुद्दों पर निष्क्रियता)
V – वोट बैंक (नीतियाँ विकास नहीं, जाति-धर्म के हिसाब से)
W – विकास का वादा अधूरा (केवल नारों में सीमित विकास)
X – X-फैक्टर की कमी (नया नेतृत्व देने में असफल)
Y – यादववाद (पार्टी पर एक जाति विशेष का नियंत्रण)
Z – Zero बदलाव (वर्षों बाद भी वही पुरानी राजनीति)