हेट स्पीच केस में आजम खान बरी, फिर भी नहीं लड़ पाएंगे चुनाव; बोले- जीवन बेदाग लेकिन…

रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने साल 2019 के हेट स्पीच मामले में आजम खान को बरी कर दिया है. कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप को साबित करने में विफल रहा है.इस फैसले पर आजम खान ने संतोष जताया. कहा कि उनका जीवन बेदाग है.

आजम खान को कोर्ट से बड़ी राहत Image Credit:

साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान दर्ज हेट स्पीच के मामले में सपा नेता आजम खान बाइज्जत बरी हो गए हैं. छह साल बाद इस मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. मामले की सुनवाई के दौरान खुद कोर्ट पहुंचे आजम खान ने इस फैसले पर संतोष जताया. कहा कि उनका जीवन बेदाग है. कोर्ट भी मानती है, लेकिन ये लोग मानें तब ना. इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित वीर सिंह की कोर्ट में हुई. इसमें अदालत ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया. कहा कि इस केस को साबित करने में अभियोजन पक्ष विफल रहा है.

इस मामले में बरी होने के बाद भी आजम खान के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ नहीं हो सका है. दरअसल अभी भी वह कई अन्य मामलों में आरोपी तो हैं ही, कुछ मामलों में उन्हें दो साल से अधिक की सजा हुई है. हालांकि इन सभी मामलों में हॉयर कोर्ट पहुंच चुके हैं. जानकारी के मुताबिक ताजा मामला साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान का है. उस समय आजम खान 23 अप्रैल को रामपुर के ही मिलक थाना क्षेत्र के खटानागरिया गांव में चुनाव प्रचार करने निकले थे. इस दौरान उन्होंने कई सभाओं को संबोधित किया था.

ये था मामला

एक सभा में आजम खान ने सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा रामपुर के तत्कालीन डीएम आंजनेय कुमार सिंह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उम्मीदवार संजय कपूर पर जोरदार हमला बोला था. केस डायरी के मुताबिक आजम खान ने चुनाव आयोग को भी इस सभा में महाभ्रष्ट बताते हुए चुनाव के पोलराइजेशन की कोशिश की थी. प्रशासन ने उनकी इस सभा की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई थी और इसी रिकॉर्डिंग के आधार पर उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए (समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना), 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए बयान) और प्रतिनिधित्व ऑफ पीपल एक्ट की धारा 125 के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

छिन गई थी विधायकी

इस मामले में प्रशासन ने दावा किया था कि आजम खान के बयान से सामुदायिक तनाव बढ़ा और चुनावी माहौल खराब हुआ था. मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में हुई. इसमें अक्टूबर 2022 में निचली अदालत ने आजम खान को दोषी मानते हुए 3 साल की सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद उनकी विधायकी छिन गई थी. इसके बाद हुए रामपुर सदर सीट पर उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना जीते थे. उधर, आजम खान ने खुद को बेदाग बताते हुए अपील दाखिल किया और अब कोर्ट ने इसी अपील पर अब फैसला दिया है.

महत्वपूर्ण है कोर्ट की टिप्पणी

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से गर्मागर्म बहस हुई. इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि निचली अदालत ने बयान के संदर्भ को नही समझा और सबूतों को ठीक से परखे बिना ही नतीजा निकाल लिया. यह गलत है. आजम खान के वकील जुएर अहमद के मुताबिक अभियोजन पक्ष के गवाहों ने भी दबाव में बयान देने की बात कबूली. इससे साबित हो गया कि आजम खान का भाषण चुनावी बहस का हिस्सा था, ना कि हेट स्पीच. वहीं फैसले पर आजम खान ने कहा कि हम तमंचे बेचने वाले नहीं हैं, हमने गरीबों को घर दिए और जेलें काटी हैं.

रिपोर्ट: गुलजार रहमान, रामपुर