योगी कैबिनेट का जल्द होगा विस्तार, भूपेंद्र चौधरी की वापसी लगभग तय! जातीय समीकरण साधने की होगी कोशिश
लखनऊ में 30 दिसंबर को सीएम आवास पर कोर कमेटी की लंबी बैठक हुई. इसमें प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी, महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार शामिल हुए. बैठ में जल्द होने वाले योगी कैबिनेट के विस्तार के स्वरूप पर चर्चा की गई.
यूपी में भाजपा संगठन और सरकार दोनों स्तर पर बड़े बदलाव की आहट तेज हो गई है. नए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पंकज चौधरी की नियुक्ति के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल विस्तार पर सबकी नजरें टिकी हैं. मंगलवार यानी 30 दिसंबर को सीएम आवास पर हुई कोर कमेटी की लंबी बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा हुई. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी दिल्ली रवाना हो गए.
कैबिनेट विस्तार का स्वरूप तकरीबन फाइनल
सूत्रों के अनुसार, बैठक में करीब डेढ़ घंटे से अधिक समय तक मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन पुनर्गठन पर मंथन चला. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी, महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में प्रस्तावित विस्तार के स्वरूप पर सहमति बन गई है. बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी बनने के बाद संघ, संगठन और सरकार की पहली बैठक थी. इस बैठक में एक दूसरे का परिचय भी हुआ.
जातीय समीकरणों को साधने पर जोर
भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी सहित आधा दर्जन विधायकों को मंत्री बनाने पर गंभीर विचार किया गया. 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जातीय समीकरणों को साधने पर विशेष जोर दिया गया. इसी फॉर्मूले पर संगठन के पुनर्गठन की भी रूपरेखा तैयार की गई. बैठक के बाद पंकज चौधरी दिल्ली के लिए रवाना हो गए. यहां वे हाईकमान के सामने कोर कमेटी की चर्चा और प्रस्तावों की जानकारी देंगे. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से हरी झंडी मिलते ही मंत्रिमंडल विस्तार पर अमल हो सकता है.
भूपेंद्र चौधरी की कैबिनेट में वापसी लगभग तय
जनवरी या फरवरी 2026 तक मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना जताई जा रही है. दरअसल, खरमास के बाद शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे. योगी सरकार में वर्तमान में 54 मंत्री हैं, जबकि अधिकतम 60 तक जगह है. ऐसे में मंत्रिमंडल में 6 नए चेहरे शामिल हो सकते हैं. जाट नेता भूपेंद्र चौधरी की कैबिनेट में वापसी लगभग तय मानी जा रही है. साथ ही क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के लिए अन्य नामों पर भी मंथन चल रहा है.
मिशन-2027 की दृष्टि से ये विस्तार अहम
राजनीतिक हलकों में इस विस्तार को मिशन-2027 की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. भाजपा सरकार और संगठन दोनों में संतुलन साधकर विपक्ष के पीडीए फॉर्मूले का मुकाबला करने की रणनीति पर काम कर रही है. आने वाले दिनों में दिल्ली से अंतिम फैसला आने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में नई हलचल देखने को मिल सकती है.