‘अगर मैंने तीर चलाया तो, लखनऊ क्या दिल्ली भी नहीं बचा पायेगा’, फिर भड़के बिजली मंत्री एके शर्मा

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बिजली विभाग के अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि भय बिनु होय ना प्रीत, भगवान राम ने भी समुद्र से रामसेतु बनाने के लिए दुहाई की थी. मैने भी तीन साल तक समझाया अब समय निकल गया है. उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को भगवान राम की कहानी भी सुनाई.

यूपी के बिजली मंत्री एके शर्मा (फाइल फोटो)

योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा इन दिनों सुर्खियों में हैं. एके शर्मा अब बिजली विभाग के अधिकारियों से नाराज़ है. कल मीटिंग में कहा की बिजली के चक्कर में गाली सुन रहा हूं और आज भरे मंच से बिजली विभाग के अधिकारियों को खुली चेतावनी दे डाली. एके शर्मा ने गुरुवार को बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा कि अगर मैंने तीर चलाया तो लखनऊ से दिल्ली और राष्ट्रपति भवन तक कोई बचाने वाला नहीं होगा.

बीजेपी नेता और यूपी के मंत्री एके शर्मा ने कहा कि जहां कहीं भी हमारे कर्मचारी बदमाशी कर रहे हो, तो उनसे विनम्रतापूर्वक बात कीजिए और उस बातों को हमारे ध्यान में लाइए कि यहां आपका अधिकारी बदमाशी कर रहा है. उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने कंस को और दुर्योधन को भी बहुत समझाया था लेकिन जब वह नहीं मानें तो बाद में सुदर्शन चक्र चलाना पड़ा. और वह अब चल पड़ा है. 

इंद्र के बेटे जयंत की बदमाशी की कहानी

यूपी के बिजली मंत्री एके शर्मा आज मऊ जिले में पहुंचे थे. जहां उन्होंने इंदारा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर बन रहे एक ओवर ब्रिज का भूमिपूजन किया. इस दौरान उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित किया. इसी क्रम में उन्होंने बिजली विभाग के कर्मचारियों पर जमकर गुस्सा निकाला. उन्होंने कहा कि भय बिनु होय ना प्रीत, भगवान राम ने समुद्र से रामसेतु बनाने के लिए दुहाई की थी. मैंने भी तीन साल तक समझाया अब समय निकल गया है.

उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को भगवान राम की एक कहानी भी सुनाई. एके शर्मा कहते हैं कि भगवान माता सीता के साथ बैठे हुए थे. इंद्र का बेटा जयंत ने बदमाशी की और माता के पैर में चोंच मार दिया. वह देखना चाहता था कि भगवान में कितनी ताकत है. मां सीता ने कुछ नहीं बोला लेकिन भगवान को अच्छा नहीं लगा. उन्होंने एक तिनका जयंत की तरफ फेंक दिया… उसके बाद वह तिनका तीर की तरह उसका पीछा करने लगा.

मैनें राम जी की तरह तीर छोड़ दिया तो…

मंत्री एके शर्मा कहा कि जयंत इससे पीछा छुड़ने के लिए भगवान शिव के पास पहुंचे, उन्होंने कहा कि इससे केवल राम ही तुम्हें बचा सकते हैं. जब वह सभी तरह से निराश हो गया तो उसे नारद मुनि मिले, जिन्होंने उसे बताया कि इससे छुटकारा तुम्हें भगवान राम की चरणों में ही मिल सकती है. तब जाकर तुम्हारी जिंदगी बच सकती है. वह वहां पहुंचा और भगवान की चरणों में पड़ गया, माता को भी ये देख दया आ गई.

उन्होंने आगे कहा कि भगवान राम ने जयंत को क्षमा तो कर दिया लेकिन ये तिनका तो क्या करते? तीर तो छूट चुका था. ऐसे में उस तिनके के कारण जयंत को एक आंख गंवाना पड़ा. उन्होंने चेतावनी दी कि, ‘अगर बिजली विभाग में अफसरों को लगता है कि मंत्री ट्रांसफर नहीं कर सकता, सस्पेंड नहीं कर सकता. तो समझ लीजिये अगर मैनें राम जी की तरह तीर छोड़ दिया तो दिल्ली तक राष्ट्रपति भवन तक कोई बचाने वाला नहीं होगा.’