सावधान! खेत में इंतजार कर रही मौत, एक हफ्ते में दो महिलाओं को नोंच खाया लेपर्ड; बिजनौर के इस गांव में दहशत
बिजनौर के अफजलगढ़ में तेंदुओं के हमलों से दहशत का माहौल है. बीते एक हफ़्ते में दो महिलाओं की मौत हो गई. ग्रामीण खेतों में काम करते समय निशाना बन रहे हैं. हालात गंभीर होने के बावजूद वन विभाग लाचार नजर आ रहा है. ऐसे में ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति जबरदस्त आक्रोश है.

यूपी बिजनौर में एक तरफ बाढ़ और बारिश की आफत है तो खेतों में घूमते लेपर्ड की दहशत. इस लेपर्ड ने एक हफ्ते में ही दो महिलाओं पर हमला किया. इन दोनों ही महिलाओं की मौत हो गई. यह दोनों महिलाएं अपने खेतों में पशुओं का चारा लेने गईं थी. आठ दिन में हुई इन दो मौतों के चलते इन गांवों में रहने वाले अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं. इस संबंध में गांव वालों ने वन विभाग के अधिकारियों से मदद की गुहार की है.
मामला बिजनौर के अफजलगढ इलाके का है. यहां सात अगस्त को भिक्कावाला में रहने वाली पूनम अपने बेटे के साथ पशुओं का चारा लाने खेत पर गयी थी. वहां उसने चारे का बोझा बना कर अपने बेटे के सिर पर उठवा दिया और उसे घर भेज कर वह खुद और चारा काटने लगी. थोड़ी देर बाद उसका बेटा वापस खेत पर पहुंचा तो देखा कि एक तेंदुआ वहां बैठकर उसकी मां का मांस खा रहा है. यह देखकर बेटे ने शोर मचाई. इसके बाद मौके पर काफी संख्या में लोग पहुंचे, जिन्हें देखकर तेंदुआ भाग गया. इसके बाद घटना की जानकारी वन विभाग व पुलिस को दी गई.
वन विभाग पर फूटा आक्रोश
पुलिस ने पूनम का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया. इस घटना से पहले दो अगस्त की शाम को भी इस तेंदुए ने अलका देवी नाम की पैतींस साल की महिला पर हमला किया था. उस समय अलका एक बेंक्वेट हाल के पीछे खेत में घास काट रही थी. इस हमले में अलका की भी मौके पर मौत हो गई थी. इस घटना की सूचना भी वन विभाग को दी गई थी. बावजूद इसके वन विभाग ने इस आदमखोर तेंदुए को पकड़ने की कोशिश नहीं की. इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है.
तीन साल 68 लोगों की मौत
एक रिपोर्ट के मुताबिक बिजनौर में तेंदुए ने तीन साल के अंदर 68 लोगों को नोंच खाया है. वहीं करीब ढाई सौ से अधिक लोगों पर जानलेवा हमला किया है. तेंदुए के इस हमले के शिकार हुए किसान, मजदूर और बच्चे उस पल को यादकर आज भी सिहर उठते हैं. खुद वन विभाग के अधिकारियों का भी मानना है कि यहां गन्ने के खेतों में छह सौ से अधिक तेंदुए रह रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि अब तक 120 तेंदुओं को पकड़ कर जंगल और चिड़ियाघरों में छोड़ा जा चुका है. लेकिन साल भर में दो बार बच्चे देने की वजह से तेंदुओं की संख्या लगातार बढ रही है.
लोगों से सावधान रहने की अपील
बिजनौर वन विभाग के डीएफओ ज्ञान सिंह के मुताबिक यह जिला सब तरफ से जंगलों से घिरा है. एक तरफ कार्बेट पार्क और अमानगढ टाइगर रिजर्व है, तो दूसरी ओर राजा जी एलीफेंट, टाइगर पार्क और हस्तिनापुर वाइल्ड लाइफ सैंचुरी है. यह सभी जंगल वन्य जीव बाहुल्य इलाके है. बिजनौर में अधिकाशंतः गन्ने की खेती होती है, इसलिए तेंदुए जंगल से भागकर इन खेतों में छिपे रहते है और अकेले घूमने वाले किसानों या मजदूरों पर हमला करते हैं. उन्होंने क्षेत्र के लोगों को सावधान रहने की अपील की है.



