एक SDM, 2 CO और 2 इंस्पेक्टर… छांगुर बाबा के धर्मांतरण रैकेट में अधिकारियों की मिलीभगत

बलरामपुर के धर्मांतरण रैकेट के विस्तार में छांगुर के साथ एसडीएम, सीओ सहित कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. सूत्रों के मुताबिक, इन अधिकारियों ने उसे अवैध तरीके से जमीन कबजाने में अपने पद का दुरुपयोग किया है.

छांगुर के धर्मांतरण विस्तार में अधिकारी भी थे शामिल?

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एक बड़े जमीन कब्जा और फर्जी मुकदमों के रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें विशेष कार्य बल (STF) की जांच में चौंकाने वाली चीजें सामने आई हैं. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में दो इंस्पेक्टर, दो क्षेत्राधिकारी (CO) और एक उप-जिलाधिकारी (SDM) की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के अवैध कारनामों को लागू करने में मदद की. उनके पद के इस दुरुपयोग की वजह से कई लोगों की जमीनों पर अवैध कब्जा हुआ और निर्दोष लोगों को फर्जी केस में फंसाया गया.

जमालुद्दीन, जिसे छांगुर बाबा के नाम से भी जाना जाता है. बलरामपुर के रेहरा माफी गांव का रहने वाला है. पहले रत्नों और अंगूठियों का छोटा-मोटा कारोबार करने वाला जमालुद्दीन धीरे-धीरे एक कथित धार्मिक गुरु के रूप में पहचान बना लिया. इसके बाद उसने गांव की हिंदू आबादी के बीच अपने लिए भरोसा बना लिया. जांच में सामने आया है कि उसने कोडवर्ड्स जैसे ‘प्रोजेक्ट’ (हिंदू महिलाओं के लिए) और ‘मिट्टी पलटना’ (धर्मांतरण के लिए) का इस्तेमाल कर अपने अवैध कारनामों को अंजाम दिया. उसका नेटवर्क न केवल बलरामपुर तक सीमित था, बल्कि नेपाल सीमा से सटे जिलों तक फैला हुआ था.

फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए किया कब्जा

STF और उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) की जांच में खुलासा हुआ कि छांगुर बाबा ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स और धोखाधड़ी के जरिए कई लोगों की जमीनों पर कब्जा किया. इसके अलावा, उसने निर्दोष लोगों के खिलाफ गैंगरेप, हत्या का प्रयास और छेड़छाड़ जैसे फर्जी केस दर्ज करवाए. ताकि, पीड़ित पक्ष अपनी जमीन छोड़ने को मजबूर हो जाएं.

STF की रिपोर्ट के मुताबिक, इस रैकेट में शामिल दो इंस्पेक्टर, दो CO और एक SDM ने छांगुर बाबा के साथ मिलकर काम किया. इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने न केवल फर्जी केस को दर्ज करने में मदद की बल्कि, जमीन कब्जाने की प्रक्रिया को आसान बनाया. सूत्रों के मुताबिक, इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर पीड़ितों पर दबाव बनाया. उन्होंने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की.

40 बैंक खातों में 100 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग

STF की जांच में यह भी सामने आया कि छांगुर बाबा के नेटवर्क को विदेशी फंडिंग, खासकर खाड़ी देशों और नेपाल स्थित NGOs से मिल रही थी. इस फंडिंग का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों, जैसे धर्मांतरण और जमीन कब्जाने, के लिए किया जा रहा था. जमालुद्दीन के 40 बैंक खातों में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की फंडिंग का पता चला है. फिलहाल इसकी फॉरेंसिक ऑडिट चल रही है.

सूत्रों के मुताबिक, दिसंबर 2022 में बलरामपुर के एक दलित हिंदू परिवार ने छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों, नसरीन (उर्फ नीतू) और नवीन (उर्फ जमालुद्दीन), के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि इन्होंने परिवार को मारपीट और धमकी देकर धर्मांतरण के लिए मजबूर किया. हालांकि, उस समय इस शिकायत पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं हुई.

स्थानीय संगठनों के बीच गुस्सा

विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल जैसे संगठनों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है. इन संगठनों ने बलरामपुर में जागरूकता अभियान शुरू किए हैं, जिसमें लोगों से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अपील की जा रही है.