गंगा एक्सप्रेस-वे से यूपी को मिलेगी नई गति, जानें रूट, टोल और फायदे

उत्तर प्रदेश का 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे जल्द ही आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. यह एक्सप्रेस-वे मेरठ और प्रयागराज को जोड़ेगा. साथ ही इस एक्सप्रेसवे पर अलग-अलग गाड़ियों के लिए अलग-अलग टोल दर तय किया गया है. जानते हैं इसका रूट और टोल टैक्स क्या होगा.

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उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे जल्द ही लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. 594 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा है. ये एक्सप्रेस-वे मेरठ और प्रयागराज को जोड़ेगा. यह छह लेन का है, जिसमें बाद विस्तार करते हुए आठ लेन का बनाया जाएगा. ये ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे राज्य के बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को नया आयाम देगा. इसके साथ ही इस नए एक्सप्रेस-वे के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से टोल की दरें भी तय की गई हैं. ये टोल दरें अलग-अलग गाड़ियों पर उनकी श्रेणी के मुताबिक लागू होंगी.

साथ ही टोल दरों को गाड़ियों के प्रति किलोमीटर के हिसाब से लिया जाएगा. जैसे UPEIDA ने कार, जीप, वैन और हल्के वाहनों के लिए 2.55 रुपये प्रति किमी का टोल दर तय किया है. वहीं हल्की वाणिज्यिक गाड़ियों केऔर मिनी बस के लिए 4.05 रुपये प्रति किमी का टोल दर तय किया गया है. बस और ट्रक के लिए 8.15 रुपये प्रति किमी टोल टैक्स होगा. भारी निर्माण वाहनों के लिए 12.55 रुपये प्रति किमी का टोल टैक्स होगा.

ओवरसाइज गाड़ियों के लिए 16.05 रुपये प्रति किमी टोल रेट होगा. कार, जीप, वैन के लिए बाईपास टोल टैक्स 0.70 रुपये प्रति किमी होगा. हल्के वाणिज्यिक गाड़ियों और मिनी बस के लिए बाईपास टोल टैक्स 1.05 रुपये प्रति किमी होगा. इसी कैटेगरी में बस और ट्रक के लिए बाईपास टोल टैक्स 2.10, भारी निर्माण गाड़ियों के लिए 3.15 रुपये प्रति किमी, ओवरसाइज गाड़ियों के लिए 4.15 रुपये प्रति किमी होगा.

किन जगहों से गुजरेगा गंगा-मेरठ एक्सप्रेस-वे?

594 किमी लंबा यह एक्सप्रेस-वे मेरठ के बिजौली गांव (NH-334) से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव (NH-19) तक जाएगा. यह 12 जिलों-मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को जोड़ेगा. चार समूहों में बंटे इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य फिलहाल शुरुआती चरण में है. अडानी एंटरप्राइजेज और IRB इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स इसे डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल पर विकसित कर रहे हैं.

इस एक्सप्रेसवे में दो मुख्य टोल प्लाजा (मेरठ और प्रयागराज), 12 रैम्प टोल प्लाजा, नौ सुविधा परिसर (फूड कोर्ट और रेस्ट एरिया) और 3.5 किमी लंबा आपातकालीन हवाई पट्टी (शाहजहांपुर) शामिल हैं. मेरठ से प्रयागराज की 10-12 घंटे की यात्रा अब 6-8 घंटे में पूरी हो सकेगी.

गंगा एक्सप्रेसवे न केवल यूपी के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों को जोड़ेगा, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा. गंगा नदी के किनारे बसे तीर्थस्थलों तक पहुंच आसान होगी. इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे औद्योगिक गलियारों, फार्मा पार्क और टेक्सटाइल पार्क के विकास को प्रोत्साहित करेगा. इससे मेरठ, कानपुर और प्रयागराज जैसे क्षेत्रों में निवेश और रोजगार के नए मौके बढ़ेंगे.

ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट में पर्यावरण का ध्यान

यह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है. 4 लाख 55 हजार पेड़ लगाने, जल संचयन सुविधा और बाढ़ नियंत्रण तटबंध के रूप में डिजाइन जैसे कदम उठाए गए हैं. सुरक्षा के लिए इंटेलिजेंट हाईवे मैनेजमेंट सिस्टम और आपातकालीन लैंडिंग सुविधा भी शामिल है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे यूपी के विकास का नया प्रतीक बनेगा. 2025-26 तक चरण-1 के पूरा होने की उम्मीद है जबकि, स्टेज-2 में इसे हरिद्वार और बलिया तक विस्तारित किया जाएगा, जिससे कुल लंबाई 1,047 किमी हो जाएगी. यह प्रोजेक्ट न केवल यूपी बल्कि बिहार और उत्तराखंड के साथ कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगा.
गंगा एक्सप्रेसवे यूपी की प्रगति का एक और मील का पत्थर साबित होगा, जो आर्थिक समृद्धि और धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.