गौतम बुद्ध नगर जिले की बनीं पहली महिला जिला अधिकारी… IAS मेधा रूपम कौन हैं?

उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में 2014 बैच की IAS अधिकारी मेधा रूपम को नई जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है. यह पहला अवसर है जब किसी महिला अधिकारी को इस जिले की कमान सौंपी गई है. मेधा रूपम इससे पहले ग्रेटर नोएडा में अपनी बेहतरीन सेवाओं के लिए सराहना बटोर चुकी हैं. उनके पति भी यूपी काडर में आईएएस अधिकारी हैं. वहीं उनके पिता मुख्य चुनाव आयुक्त हैं.

IAS ऑफिसर मेधा रूपम ( फाइल फोटो) Image Credit:

उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले का कार्यभार मेधा रूपम को सौंपा गया है. वो 2014 बैच की IAS अधिकारी हैं. आमतौर पर अधिकारियों का तबादला होता रहता है. मगर मेधा रूपम को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर पहली बार किसी महिला अधिकारी को जिले की कमान सौंपी गई है. यहां पर अभी तक किसी महिला अधिकारी को जिलाधिकारी नहीं बनाया गया था. उन्होंने सूरजपुर के कलेक्ट्रेट ऑफिस में अपना पद ग्रहण किया. उनकी काबिलियत की वजह से उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी गई है.

ग्रेटर नोएडा में थी पोस्टिंग

IAS ऑफिसर मेधा रूपम ग्रेटर नोएडा में भी बेहतर काम कर चुकी हैं. सराहनीय प्रदर्शन की वजह से उन्हें गौतम बुद्ध नगर की जिम्मेदारी दी गई है. इनके पहले गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा थे, जिनका ट्रांसफर प्रयागराज में किया गया है और अब ये प्रयागराज की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

कौन हैं मेधा रूपम?

1990 में आगरा में जन्मी मेधा एक ऐसे परिवार में पली-बढ़ीं जहां लोक सेवा एक करियर विकल्प नहीं, बल्कि लगभग एक आनुवंशिक विरासत थीय उनके पिता, ज्ञानेश कुमार, जो 1988 बैच के आईएएस अधिकारी और बाद में भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त बने.

दिल्ली विश्वविद्यालय से किया ग्रेजुएशन

उनकी स्कूली शिक्षा एर्नाकुलम के नेवल पब्लिक स्कूल से शुरू हुई और बाद में उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के लिए तिरुवनंतपुरम के सेंट थॉमस स्कूल में स्थानांतरित हो गईं. दक्षिण भारतीय संस्कृति की कठोरता और अनुशासन ने उन पर अपनी छाप छोड़ी लेकिन, दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज में ही उनकी विश्वदृष्टि और गहरी हुई.

अर्थशास्त्र (ऑनर्स) की छात्रा के रूप में, मेधा ने राजकोषीय नीतियों, विकास विरोधाभासों और योजना तालिकाओं और गरीबी रेखाओं के बीच की खाई का विश्लेषण किया. उन्होंने 2013 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की, जिसमें उन्होंने मनोविज्ञान को वैकल्पिक विषय के रूप में रखते हुए अखिल भारतीय स्तर पर 10वीं रैंक प्राप्त की.

प्रशासनिक सेवा के गलियारों में आने से बहुत पहले, मेधा ने एक और तरह की एकाग्रता में महारत हासिल कर ली थी. वह जो राइफल को स्थिर रखने से आती है. उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा की ट्रेनिंग ली. उन्होंने केरल राज्य निशानेबाजी चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते, राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंटों में राज्य का प्रतिनिधित्व किया.