श्मशान घाट डूबे, तेरहवीं अधूरी, नमक-रोटी खाकर बीत रहे दिन: जौनपुर में बाढ़ की तबाही में फंसे लोगों की दास्तां

जौनपुर में गोमती नदी में जलस्तर बढ़ने की वजह से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. चंदवक के बलुआ गांव में घरों में पानी घुस गया है, लोग सुरक्षित स्थानों पर रहने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है प्रशासन की अनदेखी की वजह से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं. कई एकड़ फसलें भी डूब गई हैं और श्मशान घाट भी प्रभावित हुए हैं.

जौनपुर में बाढ़

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में गोमती नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे स्थित कई गांव इसकी चपेट में आ गए हैं. चंदवक के बलुआ गांव में बाढ़ का पानी घरों के अंदर तक घुस चुका है. लोग घर छोड़कर तिरपाल डालकर सुरक्षित स्थानों पर अस्थाई रुप से रहने को मजबूर हैं. पिछले पांच दिनों से इस गांव के लोग बाढ़ से पीड़ित हैं लेकिन, अभी तक जिला प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं है.

यहां रह रहे लोगों के घरों का सामान डूबने से खाने-पीने की दिक्कतें बढ़ गई हैं. लोगों ने बताया कि नमक प्याज रोटी खाकर किसी तरह से वो लोग जीवन बिता रहे हैं. उन्हें अभी तक किसी तरह की मदद नहीं मिली है. बाढ़-बारिश से यूपी के कई जिले प्रभावित हैं. जौनपुर भी गोमती नदी के बढ़ते हुए जलस्तर की चपेट में हैं। केराकत और चंदवक क्षेत्र के कई गांव इसकी चपेट में हैं. इसमें बीरभंपुर, बरमलपुर, बलुआ, चंदवक, बरइच समेत कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.

श्मशान घाट भी डूब गए

केराकत क्षेत्र में गोमती नदी के किनारे जलस्तर बढ़ने से श्मशान घाट डूब गए हैं. इस वजह से अब श्मशान घाट पर दाह संस्कार भी नहीं हो पा रहा है. पास के सुरक्षित स्थानों पर दाह संस्कार हो रहे हैं. जौनपुर के जिलाधिकारी का दावा है कि जौनपुर में बाढ़ है ही नहीं. प्रशासन की तरफ से बाढ़ से राहत और बचाव के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है, जब बाढ़ आएगी तो डीएम साहब का दावा है कि उससे निपट लिया जाएगा. लेकिन केराकत विधानसभा क्षेत्र के हालात प्रशासनिक दावों की पोल खोल रहे हैं.

परिवार में मौत और बाढ़ की मार

बीरभानपुर गांव के रहने वाले दयाराम गौड़ की मां की सड़क हादसे में सात दिनों पहले मौत हो गई. परिवार ठीक से तेरहवीं भी नहीं कर पाया. तबतक बाढ़ ने दोहरी मार दे दी. घर में पानी घुसने से सारा सामान डूब गया. परिवार समेत दयाराम अब तिरपाल और तीन शेड डालकर रहने को मजबूर हैं. उनका आरोप है कि पांच दिन बीतने के बाद भी जिले का कोई प्रशासनिक अधिकारी उनकी हाल खबर लेने नहीं पहुंचा. करीब एक महीने पहले दयाराम की 8 साल की बेटी की सांप काटने की वजह से मौत हो चुकी है. घर में रखा आनाज, गृहस्थी का सामान अब डूब गया. खाने पीने में काफी दिक्कतें हो रही है. नमक, प्याज और रोटी खाकर लोग खुद और बच्चों का पेट पाल रहे हैं.

स्कूल नहीं जा पा रहे हैं बच्चे

राजू प्रसाद की पत्नी आरती ने बताया कि उनके तीन बच्चे हैं. घर में बाढ़ का पानी का घुसने से घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. सांप बिच्छू जिसे जहरीले जानवर निकल रहे हैं. परिवार के लोग काफी डरे हुए हैं. बाढ़ की वजह से उनके बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं.

सौ एकड़ से ज्यादा डूबी फसलें

किसान नेता अजीत सिंह ने बताया कि गोमती नदी में पानी बढ़ने की वजह सेनदी के किनारे कई गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. बाढ़ में करीब सैकड़ों एकड़ की फसल भी डूबकर बर्बाद हो गई है, लेकिन प्रशासन की तरफ से किसी तरह की मदद नहीं की गई.