नंद किशोर गुर्जर से लेकर दयाशंकर सिंह तक… योगी सरकार में क्यों बढ़ गए नेता-अफसरों के झगड़े?
उत्तर प्रदेश में चाहे पिछली सरकार हो या वर्तमान योगी सरकार, मंत्रियों और अधिकारियों के बीच विवाद लगातार बढ़ रहे हैं. हाल ही में सीतापुर और बलिया में मंत्रियों द्वारा अधिकारियों पर आरोप लगाने के बाद हंगामा हुआ. यह कोई नया मामला नहीं है. नंद किशोर गुर्जर, श्रीकांत शर्मा जैसे कई विधायकों ने भी पहले ऐसे आरोप लगाए हैं.

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली चाहे पिछली सरकार हो या वर्तमान, अफसरों-नेताओं के झगड़े खत्म होने का नाम नहीं ले रहे. आज ही एक तरफ जहां सीतापुर में मंत्री सुरेश राही धरने पर बैठ गए, वहीं बलिया में मंत्री दयाशंकर सिंह बीच सड़क पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों पर बिफर पड़े. इन दोनों मंत्रियों ने अधिकारियों पर किसी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. इसके बाद से हंगामा मचा हुआ है. हालांकि योगी सरकार में इस तरह का विवाद कोई पहली बार नहीं हो रहा.
इससे पहले गाजियाबाद में लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर से लेकर मथुरा विधायक श्रीकांत शर्मा तक विवादों की लंबी फेहरिस्त है. आइए, शुरू से शुरू करते हैं. लेकिन उससे पहले आज के दोनों घटनाक्रम जान लीजिए. मंत्री सुरेश राही सीतापुर के एक गांव में ट्रांसफारमर लगवाने की कोशिश कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों से बात की, लेकिन एक जेई ने मंत्री से कह दिया कि आप खुद उतरवा लीजिए. इसी बात पर बवाल हो गया और मंत्री धरने पर बैठ गए.
बीच सड़क पर मंत्री ने लगा दी क्लास
उधर, मंत्री दयाशंकर सिंह के बलिया में मौजूद होने के बावजूद, पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने उन्हें सूचना दिए बिना एनएच 31 कटहल नाले पर बने पुल का उद्घाटन करा दिया. खबर मिलते ही मंत्री मौके पर पहुंच गए और एक्सईएन समेत अन्य अधिकारियों की बीच सड़क पर क्लास लगा दी. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी बसपा के एक विधायक के इशारे पर काम कर रहे हैं.
नंद किशोर गुर्जर लगाते रहे हैं आरोप
कुछ इसी तरह का आरोप पिछली सरकार से ही गाजियाबाद में लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर लगाते आ रहे हैं. पिछली सरकार में तो उन्होंने अफसरों के खिलाफ मनमानी और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के मु्द्दे को लेकर विधानसभा में करीब 200 विधायकों के साथ धरना भी दिया था. अभी हाल में भी वह मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर और डीएम के खिलाफ मोर्चा खोलते नजर आए थे.
बांदा एसडीएम के साथ हुआ था विवाद
अभी 11 जुलाई को बांदा में विधायक प्रकाश चंद्र द्विवेदी और एसडीएम का विवाद सामने आया था. लोगों की लगातार आ रही शिकायतों को सुनने के बाद विधायक ने एसडीएम को यहां तक कह दिया कि ‘नौकरी करना सिखा देंगे,. इसी प्रकार 3 जुलाई को देवरिया में बीजेपी विधायक दीपक मिश्रा और डीएम दिव्या मित्तल के बीच एक बैठक में तीखी नोंकझोंक हुई थी. विवाद इतना बढ़ा कि विधायक बैठक छोड़ कर चले गए थे. जुलाई महीने में ही अलीगढ़ में विधायक मुक्ता राजा और सीएमओ का झगड़ा सुर्खियों में रहा था. इस संबंध में उन्होंने सीएम योगी को पत्र भी लिखा था.
बुलंदशहर बांदा विधायक ने भी लगाए थे आरोप
दो महीने पहले बुलंदशहर में सिकंदराबाद से बीजेपी विधायक ठाकुर लक्ष्मीराज सिंह ने भी इसी तरह का आरोप लगाया था. उन्होंने बिजली विभाग के अफसरों को निशाने पर लेते हुए कहा था कि अधिकारी कर्मचारी उनके फोन तक नहीं उठाते. इसी प्रकार जून महीने में औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के विवाद ने भी सरकार की खूब किरकिरी कराई. यह मामला तो दिल्ली तक पहुंचा. नंदी ने आरोप लगाया था कि अधिकारी प्रोजेक्ट्स को जानबूझ कर लटका रहे हैं. वहीं आम तौर पर शांत रहने वाले मथुरा से विधायक एवं पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का भी अधिकारियों पर गुस्सा फूट चुका है. 13 जुलाई को उन्होंने सोशल मीडिया पर लंबा चौड़ा पोस्ट किया था.



