न पाइपलाइन, ना ही कोई जलस्रोत… फिर कहां से आता है हनुमान जी के इस मंदिर में पानी

यूपी के झांसी में स्थित पाताली हनुमान मंदिर में एक ऐसा रहस्य छिपा है, जिससे आजतक पर्दा नहीं उठ पाया है. ये मंदिर जमीन से करीब 7 फीट नीचे एक गुफा में है. यहां हर साल एक चमत्कार देखने को मिलता है. मंदिर की दीवारों और फर्श से रहस्यमयी रूप से जल प्रकट होता है. आखिर बिना किसी स्रोत के इतना पानी आता कहां से आता है और इसे लेकर क्या है मान्यता. आपको विस्तार से बताते हैं.

पाताली हनुमान मंदिर

उत्तर प्रदेश के झांसी में स्थित पाताली हनुमान मंदिर में चमत्कारी जल प्रकट होना अब भी एक पहेली बना हुआ है. इस रहस्य को लेकर बुंदेलखंड में नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा है कि आखिर बिना किसी पाइपलाइन और स्रोत के मंदिर की दीवीरों से पानी का झरना कहां से फूटता है. यह मंदिर झांसी के सीपरी बाजार इलाके में एक गुफा स्थित है, जो जमीन से करीब 7 फीट नीचे है. इस धार्मिक स्थल पर हर साल ऐसा दृश्य देखने को मिलता है, जिसे देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं.

दीवारों से ऐसे फूटता है पानी का झरना

पुजारी ने बताई ये बात

मंदिर के पुजारी लल्लन महाराज का कहना है कि साल के कुछ महीनों में मंदिर की दीवारों और फर्श से रहस्यमयी तरीके जल स्वतः निकलने लगता है. यह जल न तो बाहर से लाया जाता है और न ही मंदिर में किसी तरह की पाइपलाइन या जल स्रोत मौजूद है. उनका कहना है ये जल पाताल लोक से आता है. ऐसा कहा जाता है कि इसी जल में विराजमान होके हनुमान जी 7 महीने तक तपस्या करते हैं.

बारिश आने से पहले ही जल का स्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है. मंदिर में इतना पानी भर जाता है कि हनुमान जी की मूर्ति आधी से ज्यादा डूब जाती है. भक्तों का मानना है कि ये घटना हनुमान जी के मौन होने और उनकी शक्ति का प्रतीक है. हर मंगलवार और शनिवार को यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है. भक्त इस जल को अपने घर भी ले जाते हैं.

रिसर्च भी जारी

इसके अलावा जब मंदिर में पानी भरना शुरू होता है तो भक्त यहां जमा होके पानी में बैठकर सुंदरकांड का पाठ करते हैं. ये नजारा उनकी आस्था को बखूबी बयां करता है. इस घटना की असल वजह जानने के लिए विशेषज्ञ रिसर्च कर रहे हैं. फिलहाल वैज्ञानिक कारण चाहे जो भी हो लेकिन भक्तों आस्था कुछ और ही बयां करती है.