यूपी का मानसून सत्र आज से होगा शुरू, बीजेपी और सपा के बीच हंगामेदार बहस की संभावना

उत्तर प्रदेश में आज से विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू होगा. ये 11 अगस्त से 14 अगस्त तक चलेगा. इस सत्र की खास बात यह है कि इसमें 'विजन डॉक्यूमेंट-2047' पर 24 घंटे लंबी चर्चा होगी. जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस डॉक्यूमेंट को पेश करेगी, वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) सहित विपक्षी दल कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है.

उत्‍तर प्रदेश व‍िधानसभा भवन (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश में विधानमंडल का मानसून सत्र आज यानी 11 अगस्त से शुरू हो रहा है. ये इसलिए खास है क्योंकि इसी सत्र में विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा की जानी है. ये चर्चा पूरे 24 घंटे की होगी. विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा 13 अगस्त को होनी है जो 11 बजे शुरू होगी और दिन 14 अगस्त को खत्म होगी. ये मानसून सत्र कुल 4 दिनों का होगा. इसमें कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, जिसको लेकर कई विभागों के मंत्री विधानमंडल में डॉक्यूमेंट पेश करेंगे.

आज से शुरू हो रहे इस सत्र को लेकर सीएम योगी ने विधानमंडल की सर्वदलीय बैठक में भाग लिया, जिसमें उन्होंने कहा कि सार्वजनिक हित के मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए, ताकि समय का सदुपयोग किया जा सके. सीएम योगी ने कहा कि सकारात्मक चर्चा पर जोर देने से देश का लोकतंत्र मजबूत होता है. ऐसे में उन्होंने नेताओं से अपील की है कि वो चर्चा के दौरान अपने पद की मर्यादा बनाए रखें.

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच कई मुद्दों पर तीखी बहस की उम्मीद है। सत्र के पहले दिन से ही हंगामेदार चर्चा के आसार हैं, क्योंकि सपा ने स्कूलों के विलय, बाढ़ की स्थिति और बिजली के निजीकरण जैसे ज्वलंत मुद्दों को जोर-शोर से उठाने की रणनीति बनाई है. दूसरी ओर, सत्ता पक्ष ‘विजन डॉक्यूमेंट-2047’ का मसौदा पेश करने की तैयारी में है, जिसे वह प्रदेश के दीर्घकालिक विकास का खाका बता रहा है.

स्कूल, बाढ़ और कई मसलों पर पूछ सकते हैं सवाल

समाजवादी पार्टी ने सत्र से पहले ही अपनी रणनीति साफ कर दी है. सपा विधायक कमाल अख्तर ने कहा कि उनकी पार्टी शिक्षा, बाढ़ और बिजली जैसे जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरेगी. स्कूलों के विलय के फैसले को सपा ‘शिक्षा विरोधी’ करार दे रही है. पार्टी का दावा है कि इससे गांव के इलाकों के बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इसके अलावा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की कथित कमी और बिजली के निजीकरण से बढ़ती दरों को लेकर भी सपा सरकार पर हमलावर है.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “हम जनता की आवाज को विधानमंडल में बुलंद करेंगे. सरकार बिजली कंपनियों को निजी हाथों में सौंप रही है, जिससे आम जनता पर बोझ बढ़ रहा है। बाढ़ पीड़ितों को समय पर मदद नहीं मिल रही, और स्कूलों के विलय से शिक्षा का अधिकार छीना जा रहा है।

विजन-2047 पर जोर

दूसरी ओर, बीजेपी सरकार इस सत्र में ‘विजन डॉक्यूमेंट-2047’ को केंद्र में रखने की तैयारी में है. गोंडा के करैनलगंज से भाजपा विधायक अजय सिंह ने कहा कि डॉक्यूमेंट उत्तर प्रदेश को 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर राज्य बनाने की रणनीति का खाका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा कि यह दस्तावेज प्रदेश के विकास को नई दिशा देगा, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा और रोजगार जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. विपक्ष केवल हंगामा करने की कोशिश करेगा, लेकिन हमारा फोकस विकास पर है. विजन-2047 के जरिए हम प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जाएंगे.

सत्र में हंगामे के आसार

सत्र काफी हंगामेदार होगा. सपा और दूसरे विपक्षी दल सरकार को घेरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, जबकि बीजेपी अपनी उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को जनता के सामने रखने की कोशिश करेगी. विधानसभा अध्यक्ष ने सभी दलों से सकारात्मक चर्चा की अपील की है, लेकिन मौजूदा माहौल को देखते हुए सदन में गहमागहमी की पूरी संभावना है.