सौरभ मर्डर: साहिल और मुस्कान का बचना अब मुश्किल, आरोप तय, शुरू हुआ ट्रायल

मेरठ के सौरभ हत्याकांड में मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल पर आरोप तय हो गए हैं. इसी के साथ कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल भी शुरू हो गया है. पुलिस की चार्जशीट के आधार पर जिला जज की अदालत ने आरोप स्वीकार किए. 3 मार्च को हुई इस वारदात में साहिल और मुस्कान ने सौरभ की हत्या के बाद शव को नीले ड्रम में पैक कर दिया था.

सौरभ हत्याकांड में आरोपी साहिल और मुस्कान

प्रेमी साहिल के लिए पति सौरभ की हत्या करने और फिर शव के कई टुकड़े कर नीले ड्रम में सीमेंट से जमा देने वाली मुस्कान के खिलाफ मेरठ की अदालत में आरोप तय हो गया है. इसी के साथ कोर्ट में इस विभत्स हत्याकांड का ट्रायल शुरू हो गया है. सोमवार को इस मामले की पहली सुनवाई जिला जज की कोर्ट में हुई. इस दौरान पुलिस द्वारा तैयार की गई चार्जशीट के आधार पर कोर्ट ने सभी आरोप स्वीकार करते हुए ट्रायल की अनुमति दी. साथ ही कोर्ट ने दोनों पक्षों को मामले से जुड़े सभी सबूत पेश करने के आदेश दिए है. मामले की अगली सुनवाई 23 जून को होगी.

कोर्ट में हुई इस सुनवाई में मुस्कान और उसका प्रेमी साहिल दोनों ही आरोपियों को पेश किया था. बता दें कि मेरठ के ब्रह्मपुरी में रहने वाले सौरभ की हत्या 3 मार्च को उसकी ही पत्नी मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर की थी. इस वारदात के बाद इन दोनों ने सौरभ के शव के कई टुकड़े किए और नीले ड्रम में सीमेंट व डस्ट मिलाकर पैक कर दिया था. इस वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों घूमने के लिए हिमाचल प्रदेश चले गए थे. हालांकि इनके वापस लौटने के साथ ही मामले का खुलासा हो गया. इसके बाद पुलिस ने दोनों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था.

12 मई को दाखिल हुई थी चार्जशीट

मुस्कान और साहिल के खिलाफ मेरठ पुलिस ने 12 मई को चार्जशीट पेश कर दी थी. सीजीएम कोर्ट ने इस चार्जशीट को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई के लिए फाइल जिला जज की कोर्ट में भेज दिया था. वहीं जिला जज ने भी आरोप तय करने के लिए दोनों आरोपियों को तलब किया और सोमवार को दोनों पक्षों की दलील सुनी. सरकारी वकील के मुताबिक सभी चार्ज फ्रेम हो गए हैं और अब अगली सुनवाई 23 जून को होगी. उन्होंने बताया कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो रही है.

भारी सुरक्षा के बीच हुई कोर्ट में पेशी

साहिल और मुस्कान की पेशी के दौरान कोर्ट के बाहर और अंदर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे. पुलिस ने भरसक कोशिश की कि इनकी पेशी की खबर किसी का ना लगे. इसके लिए कोर्ट के हवालात से कोर्ट रूम ले जाते समय दोनों का चेहरा कपड़े से बांध दिया गया था. वहीं कोर्ट में भी चार्ज फ्रेमिंग की कवायद बहुत तेजी से हुई और जरूरी औपचारिकताओं के बाद इन्हें चुपके से बाहर निकालकर वापस जेल भेज दिया गया. उल्लेखनीय है कि पहली पेशी पर इन दोनों के साथ कोर्ट में मारपीट हो गई थी.