कहानी नोएडा के ‘लाइब्रेरी मैन’ की, जिन्होंने 3 राज्यों में बनवाए थी 900 लाइब्रेरी; आज हुआ निधन
नोएडा के 'लाइब्रेरी मैन' रामवीर तंवर का दुखद निधन हो गया. उन्होंने मल्टीनेशनल नौकरी छोड़कर समाज सेवा का मार्ग चुना था. शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने तीन राज्यों के 24 जिलों में 900 से अधिक निःशुल्क लाइब्रेरी स्थापित कीं, जिससे हजारों लोगों के जीवन में बदलाव आया.
शिक्षा को समाज की सबसे बड़ी ताकत मानने वाले और गांव-गांव तक पढ़ने की रोशनी पहुंचाने वाले रामवीर तंवर का निधन हो गया. नोएडा के रहने वाले रामवीर तंवर ‘लाइब्रेरी मैन’ के नाम से प्रसिद्ध थे. शनिवार देर रात करीब ढाई बजे अचानक तबीयत बिगड़ने से उनकी मौत हो गई. उनके निधन से नोएडा समेत आसपास के इलाकों में शोक की लहर दौड़ गई.
लाइब्रेरी मैन रामवीर तंवर ने मल्टीनेशनल नौकरी छोड़कर समाज सेवा का मार्ग चुना था. शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने तीन राज्यों के 24 जिलों में 900 से अधिक निःशुल्क लाइब्रेरी स्थापित की. उनका असामयिक जाना शिक्षा और समाज के लिए एक बड़ी क्षति है. रामवीर तंवर का अंतिम संस्कार उनके गांव झुंडपुरा में किया गया, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए.
साल 2016 में शुरू की थी पहली निशुल्क लाइब्रेरी
रामवीर तंवर को हजारों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. अंतिम यात्रा में हर उम्र और हर वर्ग के लोग शामिल हुए, जिनकी जिंदगी पर रामवीर तंवर के काम का गहरा असर रहा. रामवीर तंवर एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करते थे, लेकिन उन्होंने अच्छी नौकरी छोड़कर समाज सेवा का रास्ता चुना था.
उन्होंने साल 2016 में अपने गांव झुंडपुरा में पहली निशुल्क लाइब्रेरी शुरू की. उनका मानना था कि अगर बच्चों को पढ़ने का सही माहौल मिल जाए तो वे अपनी किस्मत खुद बदल सकते हैं. शुरुआत में उन्होंने 100 लाइब्रेरी खोलने का लक्ष्य रखा जिसे उन्होंने महज एक साल में पूरा कर लिया. इसके बाद यह काम एक बड़े आंदोलन का रूप लेता चला गया.
रामवीर ने 24 जिलों में 900 से ज्यादा लाइब्रेरी खुलवाईं
रामवीर तंवर ने धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के 24 जिलों में 900 से ज्यादा लाइब्रेरी खुलवाईं. इसी वजह से लोग उन्हें प्यार से लाइब्रेरी मैन कहने लगे. शनिवार रात सेक्टर-23 स्थित अपने घर में उनकी तबीयत खराब हुई थी. डॉक्टरों ने हृदयगति रुकने से मौत की पुष्टि की. रामवीर तंवर अपने पीछे पत्नी, माता-पिता और तीन बेटियों को छोड़ गए हैं.
