करंट से मौत होने के बाद जिंदा होने की उम्मीद से रेत में दबाया शव, फिर हुआ ये
यूपी के सहारनपुर में करंट लगने से एक युवक की मौत हो गई लेकिन फिर से जिंदा करने की उम्मीद में परिवार वालों ने उसे काफी वक्त तक रेत में दबाए रखा. लेकिन जब कोई नतीजा नहीं निकला तो फिर उसे सुपुर्द- ए खाक कर दिया गया.
सहारनपुर में करंट लगने से युवक की मौत के बाद परिजनों ने मृतक के शव को कई घंटों तक रेत में इस उम्मीद में दबाए रखा की उसकी सांसे फिर से लौट आएंगी. लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने शव को रेत से बाहर निकाला और उसे सुपुर्द- ए खाक कर दिया. ये घटना सहारनपुर के गंगोह इलाके की है, जानकारी के मुताबिक एक खेत में सरवर अली नामक युवक नलकूप चलाने गया था.
उसी समय उसे करंट लग गया, जिसकी वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इधर जब सरवर अली जब काफी देर तक घर नहीं लौटा तो उसके घरवाले उसकी तलाश करने लगे. जब उन्होंने देखा कि नलकूप के पास सरवर का शव पड़ा है तो उनके होश उड़ गए.
घरवालों ने लाश को रेत में दबाए रखा
परिजन जब उसके शव को लेकर घर पहुंचे तो गांववालों ने उन्हें सलाह दी कि करंट लगे व्यक्ति को अगर रेत में दबाया जाए तो उसकी सांसे वापसी लौट सकती है. इसी भरोसे परिवार वालों ने शव को रेत में दबाया जिससे वो फिर से जिंदा हो जाए. उसके शव को करीब 40 मिनट तक रेत में दबाए रखा गया लेकिन जब कोई नतीजा नहीं निकला तो शव को रेत से बाहर निकाला गया और अंतिम संस्कार कर दिया गया. इधर परिजनो का रो- रोकर बुरा हाल है.
रेत में दबाने को लेकर डॉक्टरों ने क्या कहा
वही करंट लगने के बाद जिस तरह उसके शव को रेत में दबाया गया इसे लेकर चिकित्सकों का कहना है कि करंट लगने के बाद किसी व्यक्ति को CPR और मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जाना चाहिए लेकिन रेत में दबाना कोई इलाज नहीं है. क्योंकि रेत में दबने के कारण ऑक्सीजन की कमी और ज्यादा हो जाती है जिसके चलते मौत की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. डॉक्टरों का कहना है कि उसे रेत में नहीं दबाना चाहिए था. उनका कहना है कि ऐसे हालात में मेडिकल ट्रीटमेंट का सहारा लेना चाहिए.