बेटे के शव को दुलारते रहे पिता, मंजर देख सबकी आंखें नम… स्कूल में बच्चे के मर्डर पर उठे सवाल!

गाजीपुर के सनबीम स्कूल में छात्रों के बीच हुई चाकूबाजी में जान गंवाने वाले छात्र आदित्य वर्मा के पिता उसके शव को बार- बार दुलारते रहे. वे बेटे की लाश से लिपटकर फफक- फफककर रो पड़े. ये मंजर देखके सबकी आंखें नम हो गईं. तो अब वहीं बच्चे की मौत को लेकर अहम सवाल खड़े हो रहे हैं.

बच्चे की मौत पर उठे सवाल Image Credit:

सोमवार को गाजीपुर के सनबीम स्कूल में छात्रों के आपसी लड़ाई के बाद हुई चाकूबाजी में एक बच्चे की जान चली गई थी. वहीं 3 अन्य छात्र भी चाकू लगने की वजह से घायल हो गए थे. जिनका मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. इधर मृतक आदित्य वर्मा के पिता उसका शव को लेकर फफक- फफक कर रोते नजर आए. वे अपने बेटे के शव को बार- बार दुलार रहे थे. ये मंजर देखके वहां मौजूद सबकी आंखे नम हो गईं.

थरमस में रखकर लाया था चाकू

वहीं इस मामले में ये बात भी सामने आई है कि जो छात्र आदित्य वर्मा की हत्या का आरोपी भी घायल है. प्रिंसिपल की बात माने तो आरोपी ने आदित्य को चाकू मारने के बाद खुद अपने हाथों पर भी चाकू मार लिया था. इस घटना को अंजाम देने के लिए वो चाकू को थरमस में रखकर लाया था. मृतक छात्र गाजीपुर के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद का रहने वाला था. वो स्कूल बस के जरिए विद्यालय आता था.

पिता को नहीं हो रहा भरोसा

बेटे की मौत की खबर पर उसके पिता आज भी भरोसा नहीं कर पा रहें थे क्योंकि घटना के कुछ देर पहले ही वे अपने बेटे को स्कूल बस तक छोड़ के आए थे. और इसके कुछ ही देर बाद ही इस तरह की वारदात हो गई. वे तुरंत जिला अस्पताल पहुंचे लेकिन तब तक उसे पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा चुका था. वहीं पोस्टमार्टम के बाद शव परिवारवालों को दे दिया गया.

उठ रहे कई सवाल

इसी चाकूबाजी में घायल नमन जायसवाल जो आदित्य का दोस्त भी था, उसने बताया कि आरोपी, आए दिन उससे झगड़ा किया करता था. इस बात की जानकारी विद्यालय प्रशासन को भी थी लेकिन विद्यालय प्रशासन ने आरोपी छात्र पर कोई एक्शन नहीं लिया, जिसके चलते उसके हौंसले और बुलन्द होते गए और फिर आखिर उसने इस तरीके की घटना को अंजाम दिया. उसका कहना है कि अगर उस पर पहले ही कार्रवाई की गई होती तो इस तरीके की वारदात सामने नही आती.

वही नमन का ये भी कहना है कि घटना के बाद भी विद्यालय प्रशासन बच्चों पर ये दबाव बनाया कि इसे हादसा बताया जाए ताकि विद्यालय की बदनामी न हो. इसे लेकर कई अहम सवाल खड़े हो रहे हैं कि स्कूल प्रशासन ने आरोपी छात्र की एक्टिविटीज को देखते हुए उसके खिलाफ डिसिप्लिनरी एक्शन क्यों नहीं लिया और दूसरा ये घटना के बाद इसे छिपाने की कोशिश क्यों की गई.