‘हस्तिनापुर श्रापित! यहां से तीसरी बार नहीं लड़ूगा चुनाव’, यूपी के मंत्री दिनेश खटीक ने ऐसा क्यों कहा?
यूपी के जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने हस्तिनापुर को "श्रापित" बताया. उन्होंने कहा कि यह श्रापित जगह है, वह तीसरी बार यहां से चुनाव नहीं लड़ेंगे. मंत्री के बयान पर मेरठ की राजनीति में हड़कंप मच गया. वहीं, बवाल बढ़ने के बाद दिनेश खटीक ने अपने बयान पर सफाई दी.
मेरठ की हस्तिनापुर विधानसभा हर चुनाव में चर्चाओं में रहती है. खास तौर पर विधानसभा के चुनावों में, कहा जाता है जिस पार्टी के विधायक यहां से जीत हासिल करता है, उसी पार्टी को लखनऊ की गद्दी मिलती है. ऐसा पिछले कई सालों से हो भी रहा है. वर्तमान में इस सीट से बीजेपी के जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक विधायक है और उन्होंने यहां पर लगातार दो बार जीत दर्ज की है.
मंत्री दिनेश खटीक ने बुधवार को एक स्कूल के कार्यक्रम में एक बयान दिया. उन्होंने कहा कि मैं भागवत पढ़ रहा हूं, पुराण भी मैने पढ़ें है, हस्तिनापुर श्रापित जगह है. यहां से मैं दो बार विधायक बना हूं लेकिन अब तीसरी बार यहां से विधायक नहीं बनूंगा. इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं बढ़ गई, जिसके बाद उन्होंने अपने बयान पर सफाई पेश की.
राजनीतिक स्टंट या किसी और सीट पर निगाहें?
मंत्री दिनेश खटीक के बयान की वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चा चल रही थी. कोई इस बयान को राजनीतिक स्टंट बता रहा है तो कोई इस बयान को बड़ी प्लानिंग मान रहा है. लेकिन रात होते-होते मंत्री दिनेश खटीक ने अपने बयान को लेकर सोशल मीडिया पर सफाई पेश कर दी.
मंत्री दिनेश खटीक ने ‘एक्स’ पर अपनी सफाई दी है. उन्होंने लिखा, ‘हस्तिनापुर की पावन धरती मेरे लिए सदैव पूजनीय रही है. हस्तिनापुर की धरती पर द्रोपदी का चीरहरण हुआ था. इसी लिए इसे श्रापित भूमि माना जाता रहा है. मैंने उसी आधार पर इसे श्रापित बताया था. लेकिन मेरे बयानों का गलत अर्थ निकाला गया, जो सत्य नहीं है.’
‘इस भूमि और यहां की जनता के प्रति मेरी निष्ठा अटूट है’
अब दिनेश खटीक ने बुधवार को खरखौदा के एमएस हेरिटेज विद्यालय में वार्षिकोत्सव के दौरान यह बयान दिया था. इस दौरान कल्कि धाम पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम भी कार्यक्रम में मौजूद थे. खटीक ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने द्रोपदी चीरहरण का मंचन प्रस्तुत किया गया, वह अत्यंत मार्मिक था.
उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा मंचन के पश्चात मैंने उस वीभत्स घटना का जिक्र करते हुए हस्तिनापुर की धरती पर हुए पाप के संदर्भ में यहां की जमीन को श्रापित कहा था. हस्तिनापुर मेरी कर्मभूमि है. मेरा संकल्प सदैव हस्तिनापुर के लोगों की निस्वार्थ सेवा करना रहा है और आगे भी रहेगा. इस भूमि और यहां की जनता के प्रति मेरी निष्ठा अटूट है.