UP में आफत बना मानसून, आज फिर 19 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट; जानें अपने शहर में मौसम का हाल

उत्तर प्रदेश में मानसून की तबाही जारी है. आज फिर मौसम विभाग ने 19 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. वहीं कई अन्य जिलों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. यूपी की सभी नदियां उफान पर हैं. इसकी वजह से 17 से अधिक जिले भयंकर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इन जिलों के सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं और सड़कें बंद हो गई हैं.

चंबल नदी का बढ़ा पानी Image Credit:

उत्तर प्रदेश में पहले गर्मी ने कहर ढाया, और अब मानसून की बारिश आफत बन गई है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज फिर 19 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. जबकि 15 से अधिक जिलों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. इसकी प्रकार करीब दर्जन भर जिलों में हल्की बारिश की भी संभावना जताई गई है. उधर, पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश की वजह से उत्तर प्रदेश से गुजरने वाली सभी छोटी बड़ी नदियां उफान पर हैं. इसके चलते 17 से अधिक जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बाढ़ का पानी गांवों में घुसने की वजह से इन जिलों के दर्जनों गांव टापू बन गए हैं.

मौसम विभाग के मुताबिक बारिश का केंद्र आज मध्य उत्तर प्रदेश हो सकता है. खासतौर पर बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद और सहारनपुर में भारी बारिश हो सकती है. इसी प्रकार शामली, मुजफरनगर, मेरठ, कासगंज, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल और बदायूं आदि इलाकों में भी भारी बारिश का अलर्ट है. मौसम विभाग के मुताबिक गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोडा, बलरामपुर, श्रावती, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर आदि जिलों में मध्यम से तेज बारिश की संभावना है. वहीं उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और हाथरस के अलावा एटा, मैनपुरी आदि जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.

गांवों में भरा बाढ़ का पानी

17 जिलों में बाढ़, टापू बने गांव

उत्तर प्रदेश से गुजरने वाली लगभग सभी नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. इन नदियों में जल स्तर ऊपर चढ़ने की वजह से इनकी सहयोगी नदियां भी उफान पर आ गई हैं. कानपुर से लेकर प्रयागराज तक और बनारस से लेकर बलिया तक गंगा ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. गंगा के किनारे बसे दर्जनों गांवों में पानी भर गया है. इन गांवों में जाने के रास्ते बंद हो गए हैं. इसी प्रकार आगरा-इटावा से लेकर प्रयागराज तक यमुना ने भी अपने तटवर्ती इलाकों में तबाही का खेल शुरू कर दिया है.

छोटी नदियों के किनारे ज्यादा नुकसान

गंगा-यमुना ही नहीं, उत्तर प्रदेश की छोटी नदियां भी तबाही मचाने को आतुर हैं. आम तौर पर सूख चुकी सई नदी से लेकर टोंस और तमसा आदि नदियों ने अपने तटवर्ती गांवों को डुबो दिया है. इन नदियों में बाढ़ ने ऐसा विकराल रूप लिया है कि मुख्य सड़कों से गांवों का कनेक्शन ही कट गया है. वहीं कई सड़कों पर पांच से सात फुट तक पानी भर गया है, जिसकी वजह से गाड़ियां तो नहीं, लेकिन नावें जरूर चलने लगी हैं. हालात को देखते हुए शासन और प्रशासन भी राहत एवं बचाव कार्य में जुट गया है. उधर, नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद उफनाई सरयू ने अयोध्या से लेकर बलिया तक के तटवर्ती गांवों में दहशत पैदा कर दिया है. लोग रात-रात भर जागकर निगरानी कर रहे हैं.

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