उंगलियों के निशान और फोटो मैच न हुआ तो वोट नहीं: यूपी पंचायत चुनाव में फर्जी वोटिंग पर ऐसे लगेगी लगाम
यूपी पंचायत इलेक्शन में वोटर्स को उंगलियों के निशान और फोटो मैच होने के बाद ही मतदान की अनुमति मिलेगी. मतदान के दौरान ली गई फोटो और अन्य डाटा आयोग की तरफ से सुरक्षित रखा जाएगा.इस आधार पर ही मतदाता सूची को रियल टाइम अपडेट किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को पूरी तरह पारदर्शी और फर्जीवाड़े से मुक्त बनाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ा कदम उठाया है. मतदान केंद्रों पर वोटर्स का बायोमीट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया जाएगा. इससे न केवल डुप्लीकेट वोटिंग पर रोक लगेगी, बल्कि मतदाता सूची में फोटो और अन्य डिटेल्स भी तुरंत अपडेट हो सकेंगी. राज्य निर्वाचन आयुक्त आरपी सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव में फर्जी मतदान की शिकायतें अक्सर सामने आती रही हैं. इसे रोकने के लिए हर मतदान केंद्र पर बायोमीट्रिक सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है.
वोटर की उंगलियों के निशान और फोटो मैच होने के बाद ही मतदान की अनुमति मिलेगी. मतदान के दौरान ली गई फोटो और अन्य डाटा आयोग की तरफ से सुरक्षित रखा जाएगा, जिसके आधार पर मतदाता सूची को रियल टाइम अपडेट किया जाएगा. आरपी सिंह ने कहा कि बूथ पर बायोमीट्रिक सत्यापन से डुप्लीकेसी और किसी भी तरह के फर्जीवाड़े को रोका जा सकेगा.
एक क्लिक में पकड़ा जाएगा गड़बड़ी करने वाला
अगर कोई गड़बड़ी करने की कोशिश करेगा तो एक क्लिक में पकड़ा जाएगा और तत्काल कार्रवाई होगी. यह सिस्टम ऑनलाइन अपडेट भी करेगा कि मतदाता ने कब और कहां वोट डाला है. चुनाव में भाग लेने वाले सभी मतदाताओं का बायोमीट्रिक डाटा उसी समय अपडेट हो जाएगा, जबकि जो वोट नहीं डाल पाएंगे, उनके लिए बाद में प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
मतदाता सूची पुनरीक्षण में भी सख्ती
आयोग के अनुसार मतदाता सूची के पुनरीक्षण का करीब 98 प्रतिशत काम ई-बीएलओ ऐप के जरिए पूरा हुआ है, जबकि शेष 2 प्रतिशत ऑफलाइन किया गया.बीएलओ ने घर-घर जाकर सत्यापन किया और नाम जोड़े या हटाए.किसी भी तरह की खामी न रहे, इसके लिए गहन जांच की गई है.