यूपी के इस जिले में सरकारी स्कूलों के मर्जर पर रोक, हाईकोर्ट का फैसला
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में सरकारी स्कूलों के विलय पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. सीतापुर के 51 छात्रों की ओर से याचिका दायर की गई थी. कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. अब सरकार को जवाब दाखिल करना है. अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी.

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में सरकारी स्कूल के बच्चों और शिक्षकों के लिए राहत की खबर है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने गुरुवार को सीतापुर जिले में स्कूलों के मर्जर पर रोक लगा दी है. अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है, जिससे स्कूलों का विलय रुक गया है. कोर्ट की ओर से स्कूलों के पेयरिंग पर Status quo का आदेश पारित हुआ है.
यूपी बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून को सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर का आदेश जारी किया था. इसके तहत प्रदेश के पांच हजार से ज्यादा प्राथमिक विद्यालयों को बाल वाटिका केंद्र में बदलने का निर्णय लिया गया. ये वो स्कूल हैं जहां बच्चों की संख्या 50 से कम हैं. इन्हें पास के स्कूल में पेरिंग किया जा रहा है. इस आदेश को सीतापुर की छात्रा कृष्णा कुमारी समेत 51 बच्चों ने 1 जुलाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
जो स्कूल शिफ्ट नहीं हुए, उनपर लगी रोक
लखनऊ बैंच के चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जज जसप्रीत सिंह ने स्कूलों के मर्जर के खिलाफ ये आदेश पारित किया है. ये रोक केवल सीतापुर जिले के प्राथमिक स्कूलों पर लागू होगा. अगली सुनवाई तक जिले में कोई भी विद्यालय मर्ज नहीं किया जाएगा. याचिकाकर्ता के वकील एलपी मिश्रा का कहना है कि पूरा प्रकरण सीतापुर का ही था, इसलिए स्टे केवल यहीं के लिए ही हुआ है.
कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि जिन विद्यालय के मर्जर आदेश हो चुके हैं. लेकिन जो विद्यालय अभी तक शिफ्ट नहीं हुए हैं वो अपने पुराने स्थान पर ही चलते रहेंगे. याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि अब सरकार को काउंटर दाखिल करना है, उसके बाद बच्चों के अधिवक्ता अपना उत्तर लगाएंगे. इस आदेश से इन स्कूलों के बच्चों और शिक्षकों को काफी राहत मिली है.
HC मर्जर पर रोक लगाने से कर चुका है इनकार
हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट की बैंच ने इससे पहले 7 जुलाई को सरकार के स्कूलों के मर्जर के फैसले को सही ठहराया था. कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि यह फैसला बच्चों के हित में है. सरकार की नीति में कोई भेदभाव नहीं है. कोर्ट ने यूपी में 5000 से ज्यादा प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर पर रोक लगाने से इनकार क दिया था. अब इस मामले पर डिवीजन बैंच सुनवाई कर रही है.
यूपी के सीतापुर जिले के 51 बच्चों ने इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. बच्चों की ओर से एक जुलाई को आदेश के खिलाफ कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इसमें कहा गया कि ये फैसला शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act) का उल्लंघन है. इससे कम उम्र के छात्रों को स्कूल जाने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा. अब इस मामले में 21 अगस्त को सुनवाई होगी.



