ट्राई अधिकारी से लेकर फर्जी IPS तक… कोर्ट की नकली पेशी दिखा पूर्व मेडिकल अफसर से ठगों ने लूट लिए 52 लाख
वाराणसी में एक पूर्व मेडिकल अफसर को साइबर ठगों ने 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 52 लाख रुपये लूट डाले. अब इस मामले को लेकर उन्होंने साइबर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है. फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
वाराणसी में एक रिटायर्ड मेडिकल अफसर से ठगों ने 52 लाख रुपये लूट डाले. दरअसल चौबेपुर थाना क्षेत्र के नरपतपुर के रहनेवाले डॉक्टर प्रशांत सिंह को ठगों ने पहले 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट किया. फिर कोर्ट की झूठी कार्रवाई के बहाने अपने खाते में 52 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए.
डॉक्टर प्रशांत सिंह के मुताबिक उनके पास अभिषेक शर्मा नाम के एक शख्स का 11 दिसंबर को फोन आया. उसने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का पीआरओ बताया. फिर उसने मेरे नाम पर किसी के तिलक नगर से सिम खरीदने और उसके गलत इस्तेमाल करने की जानकारी दी. फिर उसने एक नंबर दिया जिसपर अपना नाम, राज्य लिखकर व्हाट्सएप करने को कहा. जैसा उसने कहा मैंने वैसा कर दिया. मैसेज करते ही मुझे दूसरी ओर एक वीडयो कॉल आया.
उस वीडियो कॉल पर अर्चना त्यागी नाम की एक महिला खुद को एसआई बताते हुए बात करने लगी. फिर उसने विजय खन्ना नाम के एक शख्स से बात कराई, जिसका परिचय उसने ऑइपीएस के तौर पर दिया. उधर से मुझे कहा गया कि आप जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे हो. साथ ही कहा कि आपके केनरा बैंक का एटीएम कार्ड नरेश गोयल के यहां से मिला है. उसमें तकरीबन 2 करोड़ रुपये हैं. इसका 10 फीसदी आपको मिलने थे.
डॉक्टर सिंह ने बताया कि खुद को आईपीएस बताने वाले विजय खन्ना नाम के शख्स ने उन्हें अगले दिन वीडियो कॉल के जरिए कोर्ट में पेश किया. फिर उसने किसी करण शर्मा से बात कराई. उसने मुझे कोर्ट का एक आर्डर दिया. फिर 14 लाख 74 हजार रुपये देने को कहा गया. फिर 16 दिसंबर तक लगातार कोर्ट में पेशी कराने के बहाने 51 लाख 98 हजार रुपये ले लिए और कहा आपके खाते में 48 से 72 घंटे में ये राशि वापस भेज दी जाएगी.
डॉक्टर प्रशांत सिंह ने बताया कि जब 72 घंटे बाद भी पैसे नहीं आए तो उन्होंने इसकी जानकारी अन्य लोगों को दी. तब पता चला उनके साथ ठगी हुई है. अब प्रशांत सिंह इस मामले की शिकायत पुलिस की है. फिलहाल, पुलिस ने केस दर्ज कर इस मामले की जांच शुरू कर दी है.
