कड़ी से जुड़ी कड़ी, डॉ. आदिल की डायरी ने खोला बड़ा राज; जानें दिल्ली धमाके की कैसे रची गई साजिश

डॉ. आदिल की डायरी ने दिल्ली धमाके की पूरी साजिश का पर्दाफाश किया है. इसमें सहारनपुर के कश्मीरी छात्र और आतंकी नेटवर्क का संचालन सामने आया है. सिग्नल ऐप पर विस्फोटक खरीद व 20 लाख की फंडिंग का जिक्र मिला. डॉ. शाहीन के अंतरराष्ट्रीय संबंध और हनीट्रैप गिरोह भी उजागर हुए हैं. यूपी एटीएस ने 48 घंटे का बड़ा तलाशी अभियान चलाकर कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है.

आदिल की डायरी से खुला दिल्ली धमाके का राज Image Credit:

सहारनपुर से गिरफ्तार डॉ. अदिल की डायरी ने दिल्ली में धमाके का पूरा सच जांच एजेंसियों के सामने खोलकर रख दिया है. जांच एजेंसियों को मिली इस डायरी इस वारदात की सभी कड़ियों को आपस में जोड़ दिया है. जांच एजेंसियों अदिल की डायरी में 25 संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले हैं. बताया जा रहा है कि ये सभी मोबाइल नंबर सहारनपुर और आसपास के शिक्षण संस्थाओं में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र एवं छात्राओं के हैं. इन सभी नंबरों के आगे कोडवर्ड, लोकेशन और शॉर्ट नोट्स दर्ज हैं.

जांच अधिकारियों का मानना है कि इसमें आदिल ने इस आतंकी नेटवर्क में शामिल सभी लोगों की जिम्मेदारी कोडवर्ड में लिखी हैं. इस डायरी को देखने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि इस नेटवर्क का संचालन डॉ. आदिल ही कर रहा था. इस डायरी की पड़ताल के दौरान पता चला है कि डॉ. आदिल ने सहारनपुर के तमाम संस्थानों जैसे कि मेडिकल कॉलेज, मदरसों आदि में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों का एक ग्रुप बना रखा था. यही नहीं, इसने डॉ. उमर, डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन के साथ मिलकर इस वारदात के लिए सिग्नल ऐप पर भी एक सीक्रेट ग्रुप बनाया था.

ग्रुप में इन बिंदुओं पर मिले चैट

जांच एजेंसियों ने आरोपियों के मोबाइल में सिग्नल ऐप पर बने ग्रुप की चैट को डिकोड किया है. इसमें विभिन्न बिंदुओं पर चैट मिले हैं. इसमें विस्फोटक खरीद से लेकर 20 लाख रुपये की फंडिंग तक का जिक्र है. यही नहीं, कौन सी सामग्री कहां से और कितने में आई तथा प्लान को कब-और कैसे आगे बढ़ाना है, पूरा विवरण भी मिला है. इसी प्रकार एक अन्य चैट से पता चला है कि डॉ. शाहीन और डॉ. आदिल ने सहारनपुर से लेकर कानपुर तक और कश्मीर से लेकर दिल्ली तक स्लीपर सेल का बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.

हनीट्रैप गिरोह भी बनाया

जांच एजेंसियों के मुताबिक डॉ. आदिल की डायरी और वाट्सऐप के अलावा सिग्नल ऐप की चैट पढ़ने से डॉ. शाहीन का इंटरनेशनल कनेक्शन भी सामने आया है. इसमें पता चला है कि साल 2016 से 2018 तक वह यूएई में रही थी. इसी दौरान वह जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग ‘जमात-उल-मोमिनात’ की भारत प्रमुख बनी और फिर इस संगठन को ग्रुम करने के लिए ही भारत लौटी. दिल्ली ब्लास्ट से ठीक दो महीने पहले वह लखनऊ और अयोध्या में भी एक्टिव रही थी. जांच एजेंसियों के मुताबिक डॉ. शाहीन ने कश्मीरी छात्राओं की मदद से एक हनीट्रैफ मॉडल भी तैयार किया था. इसके अलावा अपने अस्पताल में आने वाले मरीजों का ब्रेनवाश करने के लिए भी एक टीम बनाई थी.

ATS का 48 घंटे का ऑपरेशन

इस तरह के तमाम इनपुट के आधार पर यूपी एटीएस, आईबी समेत कई जांच एजेंसिया बीते 48 घंटे से सहारनपुर मंडल में बड़ा ऑपरेशन चला रही हैं. इस दौरान सौ से अधिक स्थानों पर दबिश दी गई है. हजारों दस्तावेज जब्त किए गए हैं. कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. यह सारी दबिश बाहर से आकर किराए पर रहने वाले छात्रों के ठिकानों पर हुई है. इसी कड़ी में जांच एजेंसियां इन छात्रों की कॉल डिटेल, सोशल मीडिया एक्टिविटीज आदि को भी खंगाल रही हैं. इसी कड़ी में देवबंद में सोमवार को किराएदारों के सत्यापन का विशेष अभियान भी शुरू किया गया.