कैसे एक ओवरटेक ने खोल दिया था 175 करोड़ के इंश्योरेंस क्लेम का फर्जीवाड़ा? ASP ने बताई कहानी

उत्तर प्रदेश में संभल की एएसपी अनुकृति शर्मा ने साधारण ओवरटेक के जरिए 175 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम घोटाले का छह महीने पहले खुलासा किया था. उसके बाद से यह मामला लगातार बढ़ता चला जा रहा है. इसमें अब तक दो बैंक मैनेजर समेत 61 लोग अरेस्ट हो चुके हैं. जबकि अभी भी 50 से अधिक लोग पुलिस की रडार हैं. पुलिस का दावा है कि यह घोटाला देश भर में फैला हुआ था.

संभल की एएसपी अनुकृति शर्मा ने किया 175 करोड़ के बीमा घोटाले का खुलासा Image Credit:

पिछले साल सर्दियों में वाहन चोरों ने पुलिस की नाक में दम कर रखा था. हालात को देखते हुए जिले की एडिशनल एसपी अनुकृति शर्मा ने इन चोरों पर नकेल कसने का जिम्मा लिया और पूरी पूरी रात खुद गश्त पर निकलने लगीं. जनवरी महीने की एक शाम वाहन चोरों का पीछा करते करते उन्हें कुछ ऐसा हाथ लगा, जिसका खुलासा कर वह पूरे देश में सुर्खियों में आ गईं. वह खुलासा 175 करोड़ से भी अधिक के फर्जी एंश्योरेंस क्लेम का था. अब तक वह दो बैंक मैनेजरों समेत 61 लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी हैं. पेश है एक ओवरटेक से हुए इतने बड़े खुलासे की कहानी, खुद एएसपी अनुकृति शर्मा की जुबानी.

एएसपी अनुकृति शर्मा कहती है कि ‘ उन दिनों वाहन चोरों ने पुलिस की नाक में दम कर दिया था. स्थिति को देखते हुए मैंने खुद इस टास्क को स्वीकार किया और गश्त करने लगी. जनवरी महीने की एक शाम मैं अपनी गाड़ी में एक घटना की जांच कर लौट रही थी. मेरे साथ मेरा ड्राइवर और गनर था. इसी बीच एक स्कार्पियो गाड़ी तेजी से ओवरटेक कर निकली. शक होने पर मेरे ड्राइवर ने उसे रूकने का इशारा किया, हूटर बजाया, लेकिन स्कार्पियो के ड्राइवर ने स्पीड और बढ़ा दी. चूंकि घना कोहरा था, इसलिए पीछा करना संभव नहीं था. ऐसे में तुरंत रजपुरा थाना पुलिस को अलर्ट कर आगे नाकाबंदी करा दी. यहां स्कार्पियो को रोककर अंदर बैठे दो लोगों को अरेस्ट किया गया. इनसे पूछताछ में जो खुलासा हुआ, वह सुनकर मैं खुद हैरान रह गई.’

दो बैंक मैनेजर समेत 61 लोग अरेस्ट

एएसपी अनुकृति शर्मा के मुताबिक इन दोनों लोगों ने पहले तो पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने थोड़ी सख्ती की तो पता चला कि ये छोटे-मोटे नहीं, बल्कि बड़े वाले जालसाज हैं. इनसे पूछताछ में इनके देश भर में फैले नेटवर्क का खुलासा हुआ. यह खुलासा और भी हैरतंगेज था. पता चला कि इनके नेटवर्क में आधा दर्जन से अधिक बैंकों के मैनेजर व अन्य बैंकिंग कर्मचारियों के अलावा बीमा कंपनियों के कर्मचारी शामिल हैं. यही नहीं, सौ से अधिक गांवों की आशा वर्कर एवं अन्य कर्मचारी भी इनके गिरोह की सक्रिय सदस्य हैं. इन जालसाजों की पहचान पर पुलिस ने अब तक दो बैंक मैनेजरों समेत 61 लोगों को अरेस्ट कर लिया है. जबकि तीन जालसाजों ने खुद सरेंडर किया है.

ऐसे फैलाया था ठगी का जाल

एएसपी अनुकृति शर्मा के मुताबिक इन जालसाजों में से कुछ संभल के तो कुछ मुरादाबाद, अमरोहा, नोएडा, झांसी और गाजियाबाद के हैं. इन जालसाजों ने गांवों में आशा वर्कर के जरिए अपना नेटवर्क फैलाया था. इनसे इन्हें सूचना मिलती थी कि गांवों में कौन लोग आसाध्य बीमारियों की चपेट में हैं. फिर बीमा कंपनी के साथ मिलकर उनका बीमा कराते थे. वहीं परिजनों को झांसे में लेकर बैंक मैनेजरों से साठगांठ कर खाते खुलवाते थे. इसके बाद मरीजों की मौत के बाद बीमार की राशि हड़प लेते थे. यही नहीं, कई बार ये जालसाज मरीजों को सरकारी सुविधा का लाभ दिलाने के बहाने भी आधार और पैन लेकर बीमा कराते, बैंक में खाता खुलवाते और फर्जी मौत दिखाकर बीमा राशि हड़प लेते थे. कुछ तो मामले ऐसे भी मिले हैं, काफी पहले मर चुके लोगों के नाम से भी इन्होंने बीमा कराकर क्लेम हासिल कर लिया है.

मर्डर करने से भी नहीं हिचकते थे जालसाज

एएसपी अनुकृति शर्मा के मुताबिक ये जालसाज बीमा क्लेम हासिल करने के लिए मर्डर करने से भी नहीं हिचकते थे. उन्होंने बताया कि इनके द्वारा चार मर्डर का वह खुलासा कर चुकी हैं. इसमें दो संभल की घटना है तो बाकी दो मुरादाबाद की. इन दोनों ही मामलों में जालसाजों ने खुद एक्सिडेंट का मुकदमा दर्ज कराया था. चूंकि मामला फर्जी था, इसलिए ट्रैस नहीं हुआ तो पुलिस ने एफआर लगा दी. इसके बाद जालसाजों ने बीमा कंपनी से मिलकर उनके क्लेम भी हासिल कर लिए थे. आशंका है कि इस तरह से क्लेम के लिए मर्डर के काफी मामले अभी और होंगे. पुलिस धीरे धीरे इन सभी मामलों की परतें खोलने का काम कर रही है.

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