आरोपी को बचाने की कीमत 15000… वाराणसी में घूस लेते दरोगा और कांस्टेबल रंगे हाथ पकड़े गए

वाराणसी के मंडुवाडीह थाने में तैनात एक दरोगा और हेड कांस्टेबल को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. दोनों पुलिसकर्मियों पर आरोपी को बचाने के एवज में रिश्वत लेने का आरोप है. कोर्ट ने दोनों आरोपी को जेल भेज दिया है.

वाराणसी में रिश्वत लेते दरोगा और सिपाही गिरफ्तार Image Credit:

वाराणसी में शुक्रवार को एंटीकरप्शन टीम ने मंडुवाडीह थाने में तैनात दरोगा और सिपाही को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. दोनों को एक केस में आरोपी को बचाने के लिए 15 हजार रुपए लेने के आरोप हैं. पीड़ित ने थाना प्रभारी पर भी पैसा लेने का आरोप है. एंटी करप्शन वाराणसी ने दोनों आरोपी को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया. जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है.

एंटी करप्शन की टीम ने मंडुवाडीह थाने पर तैनात दरोगा अभय नाथ तिवारी और हेड कांस्टेबल शक्ति सिंह यादव को घूस लेते पकड़ा है. मुकदमे में पीड़ित को राहत देने के नाम पर 15 हजार की डिमांड की गई थी. वहीं, इसके तीन दिन बाद पीड़ित ने एंटी करप्शन के साथ दरोगा और हेड कांस्टेबल को पैसा देने के लिए पहुंचा था. वहीं, मौके पर एंटी करप्शन टीम ने दोनों को रंगे हाथ दबोचा.

थाना प्रभारी पर भी पैसा लेने का आरोप

पीड़ित ने थाना प्रभारी पर भी पैसा लेने का आरोप लगाया है. मीडिया से बातचीत के दौरान शिकायतकर्ता आकाश गुप्ता ने कहा कि मंडुवाडीह थाना प्रभारी भरत उपाध्याय ने जबरदस्ती मेरे पैंट में अवैध कट्टा और कारतूस रखकर पैसे लिए हैं. उनका आरोप है कि थाना प्रभारी भरत उपाध्याय ने उनसे 35000 लिए है. इसके साथ ही उनका कहना है कि देखते हैं आगे की कार्रवाई में थाना प्रभारी की संलिप्तता सामने आती है की नहीं?

अगर पैसा नहीं दिया तो जेल भेज दूंगा

शिकायतकर्ता आकाश गुप्त लहरतारा बौलिया के रहने वाले हैं. उन्होंने एंटी करप्शन टीम को रिश्वत लेने की शिकायत की थी. आकाश ने बताया कि वो सैलून की दुकान चलाते हैं. वहीं, ठीक पास में एक शराब की दुकान है, जिसके मालिक से विवाद में उन्हें नामजद किया गया है. वहीं, दरोगा अभयनाथ तिवारी ने उनके भाई पर से मुकदमा हटाने के लिए 15 हजार की मांग की. साथ ही धमकी दी कि अगर पैसे नहीं मिला तो किसी धारा में जेल भेज दूंगा.

आकाश ने इसकी सूचना एंटी करप्शन की टीम को दिया, जिसके बाद मौके पर पहुंचकर दोनों पुलिसकर्मी को रंगे हाथ पकड़ा गया. दोनों को जब हाथ धुलवाए गए तो उनके हाथों में नोट पर लगा रंग मिला. इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने दोनों को हिरासत में लिया और कैंट थाने ले गई. केस दर्ज करने के बाद दोनों को कोर्ट की ओर से जेल भेज दिया गया है.