यूपी पंचायत चुनाव: BJP का जिला पंचायतों पर फोकस, ग्राम प्रधानों से दूरी, जानें क्या है रणनीति

उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनावों के लिए बीजेपी ने अपनी रणनीति तैयार की है. पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्य पदों पर फोकस करेगी, लेकिन ग्राम प्रधान चुनाव में हस्तक्षेप नहीं करेगी. यह रणनीति 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है.

बीजेपी का झंडा

उत्तर प्रदेश में अगले साल अप्रैल-मई में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बीजेपी (BJP) ने कमर कस ली है. पार्टी ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव पर विशेष जोर दिया जा रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री आवास पर हुई बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक में इस रणनीति को मूर्त रूप दिया गया.

बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया कि पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में अपने समर्थित उम्मीदवार उतारेगी. लेकिन ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत वार्ड के चुनाव में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी. पार्टी सूत्रों के अनुसार, बीजेपी की रणनीति मिशन-2027 को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है. यूपी में कुल 57,691 ग्राम पंचायतें, 826 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं.

जिला पंचायत पर BJP की नजर

पार्टी सूत्रों के अनुसार, BJP का लक्ष्य है अधिक से अधिक जिला पंचायत अध्यक्षों के पद पर अपने उम्मीदवारों को जिताना. इसके लिए जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव पर पार्टी का पूरा फोकस रहेगा. प्रदेश में कुल 75 जिला पंचायतें हैं, और इनमें से अधिकांश पर कब्जा जमाने की रणनीति बनाई जा रही है. पार्टी का मानना है कि जिला पंचायतों पर मजबूत पकड़ से न केवल स्थानीय स्तर पर उसका प्रभाव बढ़ेगा, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी इसका लाभ मिलेगा.

ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत में हस्तक्षेप नहीं

BJP ने ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत वार्ड के चुनाव में हस्तक्षेप न करने का फैसला लिया है. इसका मकसद किसी भी तरह के स्थानीय विवाद से बचना और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जनता के बीच किसी तरह की नाराजगी को टालना है. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इन पदों पर स्थानीय नेतृत्व को खुली छूट देने से संगठन की एकजुटता बनी रहेगी.

जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के पद अहम

वरिष्ठ पत्रकार आदेश शुक्ला कहते हैं कि पंचायत चुनाव में जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के पद बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हैं. इन पदों पर जीत से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी का प्रभाव बढ़ेगा, बल्कि यह 2027 चुनाव के लिए भी एक मजबूत आधार तैयार होगा. BJP की इस रणनीति से स्पष्ट है कि पार्टी ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ को और मजबूत करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती.

यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो चुकी हैं. 18 जुलाई से मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का काम जोर-शोर से चल रहा है. पंचायत चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची 15 जनवरी 2026 को जारी की जाएगी. BJP ने इन चुनावों को गंभीरता से लेते हुए अपनी रणनीति को मिशन-2027 के साथ जोड़ा है. पार्टी के सहयोगी दल इस बार अलग-अलग चुनाव लड़ सकते हैं, जिसके चलते BJP ने अपनी रणनीति को और भी मजबूत करने पर जोर दिया है.