अमेरिका के मिसिगागा में प्रभु राम की सबसे ऊंची प्रतिमा, जयकारों से गूंज उठा कनाडा

उत्तरी अमेरिका के ओंटारियो के मिसिसागा में भगवान राम की कनाडा की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाई गई है. यहां हिंदू हेरिटेज सेंटर में भगवान राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण हुआ. यह प्रतिमा फाइबरग्लास से बनी है और इसमें भगवान राम हाथ में धनुष लिए दिखाई दे रहे हैं. इस ऐतिहासिक अवसर पर कनाडा के कई मंत्रियों ने भी भाग लिया और जय श्री राम के नारे लगाए. यह प्रतिमा प्रवासी भारतीयों के लिए गर्व और आस्था का प्रतीक है.

कनाडा में भगवान राम की प्रतिमा Image Credit: ट्विटर

प्रभु राम के जयकार की गूंज उत्तर अमेरिका के कनाडा में जोर-शोर से सुनाई दी. इसके पीछे की वजह है कि यहां पर भगवान श्रीराम की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया है. ओंटारियो के मिसिसागा स्थित हिंदू हेरिटेज सेंटर में भगवान श्री राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा की सुंदरता को देखकर हर भारतीय का मन खुशी से झूम उठा.

कैसी है प्रतिमा?

भगवान राम हाथ में धनुष लिए हुए हैं. ये प्रतिमा उनके पुरुषार्थ और पराक्रम को प्रदर्शित कर रही है. प्रभु राम की इस प्रतिमा में नारंगी रंग का वस्त्र और सुनहरे रंग के आभूषण अद्भुत और अलौकिक प्रतीत हो रहा है. इस खास मौके पर लोगों ने हाथों में जय श्री राम के झंडे लिए हुए थे और ये क्षण इनके जयकारों से गूंज उठा था.

खासकर प्रवासी भारतीयों को अपनी संस्कृति पर बहुत गर्व की अनुभूति हो रही थी. इस प्रतिमा को फाइबरग्लास से बनाया गया है. इस खास क्षण में शामिल होने के लिए महिला एवं लैंगिक समानता मंत्री रेची वाल्डेज़, ट्रेज़री बोर्ड के अध्यक्ष शफकत अली सहित कई बड़े नेता भी शामिल रहे.

कनाडा के मंत्री ने लगाए जय श्री राम के जयकारे

इस मौके पर कनाडा के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री मनिंदर सिद्धु ने प्रभु राम के जयकारे के साथ सभा के लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उत्तर अमेरिका में भगवान राम की सबसे बड़ी प्रतिमा की स्थापना हमारे लिए गर्व और गौरव की बात है.

सोशल मीडिया पर कनाडा के टोरंटो के एक यूजर ने लिखा कि भगवान श्रीराम की सबसे ऊंची मूर्ति अब मिसिसागा में स्थापित हो चुकी है. यह वैश्विक हिंदू समुदाय के लिए गर्व का क्षण है. यूजर ने लिखा कि एक ऐसी भूमि में जहां हिंदुओं को अलगाववादी खालिस्तानी तत्वों से बढ़ती शत्रुता का सामना करना पड़ा है, यह मूर्ति केवल आस्था का प्रतीक नहीं है. यह दृढ़ता, शांति और उपस्थिति का एक सशक्त प्रतीक है.