फर्जी देश, जाली एंबेसी… 4 धाराओं में मुकदमा; फ्रॉड एंबेसडर को कितनी हो पाएगी सजा?
ग़ाज़ियाबाद में फ़र्ज़ी दूतावास के मामले में हर्षवर्धन जैन पर धोखाधड़ी और जालसाजी सहित चार धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है. इन सभी मामलों में अधिकतम 10 साल की सज़ा का प्रावधान है. एसटीएफ़ ने उसकी विदेशी कड़ियों की जांच के लिए अब ईडी, सीबीआई और इंटरपोल से संपर्क किया है. इसी क्रम में हर्षवर्धन की पत्नी डिंपल के कारोबार की भी जांच कराई जा रही है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के कविनगर में हुए फर्जी एंबेसी के खुलासे की खबर इस समय सुर्खियों में है. मामला सीधे-सीधे देश की संप्रभुता से जुड़ा है. यूपी एसटीएफ ने इस फर्जी एंबेसी से पकड़े गए फ्राड एंबेसडर हर्षवर्धन जैन के खिलाफ कविनगर थाने में संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. फिलहाल एसटीएफ आरोपी को अरेस्ट कर पूछताछ कर रही है. हालांकि इसमें ऐसी कोई धारा नहीं है, जिससे आरोपी के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई हो सके.
यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सचिन के मुताबिक उन्होंने खुद कविनगर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 336(3), 338 और 340(2) के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. इसमें धारा 318(4) धोखाधड़ी और बेईमानी की धारा है. यह धारा उस समय लगाई जाती है जब, किसी व्यक्ति को धोखा देकर उसे संपत्ति देने के लिए बाध्य किया जाता है. इस धारा में अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है. इसी प्रकार 336(3) धोखाधड़ी के इरादे से दस्तावेजों या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में हेराफेरी के मामले में लगाई जाती है. इसमें अधिकतम तीन साल तक की कैद का प्रावधान है.
2012 में हुई थी गिरफ्तारी, पेंडिंग है केस
वहीं धारा 338 मूल्यवान प्रतिभूति या वसीयत आदि की जालसाजी के लिए है. इसमें आजीवन कारावास या 10 साल तक की कैद का प्रावधान है. जबकि जाली दस्तावेज बनाने के मामले में 340 (2) के तहत भी तीन साल तक सजा हो सकती है. हर्षवर्धन को इससे पहले साल 2012 में गाजियाबाद में कविनगर थाने की ही पुलिस ने 05 टेलीग्रॉफ बॉयर्स अनलाफुल पजेशन एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था. उस समय पुलिस ने हर्षवर्धन के पास से एक सैटेलाइट फोन बरामद किया था. इस मामले में उसे जेल भी भेजा गया था, लेकिन इस मामले में वह जल्द ही जमानत पर छूटकर बाहर आ गया था. 13 साल पुराना यह मुकदमा अभी भी गाजियाबाद की कोर्ट में लंबित है.
दो देशों का एडवाइजर और दो देशों का एंबेसडर
एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक खुद को 4 देशों का डिप्लोमैटिक एडवाइजर और दो देशों का एंबेसडर बताने वाला हर्षवर्धन के साथ कड़ी पूछताछ की जा रही है. एसटीएफ ने उसके विदेशी नेटवर्क तक पहंचने के लिए मामले की जानकारी ईडी और सीबीआई को भी दी है. साथ ही इस मामले में इंटरपोल से भी मदद मांगी गई है. वहीं उसके पास से बरामद नगदी एवं अन्य संपत्तियों की पड़ताल के लिए एसटीएफ की गाजियाबाद पुलिस और इनकम टैक्स विभाग के साथ मिलकर जांच कर रही है.
पत्नी डिंपल का कारोबार भी निशाने पर
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक हर्षवर्धन जैन की पत्नी डिंपल जैन भी उसके साथ रहती थी. हालांकि उसने दिल्ली के चांदनी चौक पर अपने खुद के कारोबार का दावा किया है. यही नहीं, डिंपल ने यह भी दावा किया है कि हर्षवर्धन के पास से बरामद 44 लाख 70 हजार रुपये भी उसके अपने हैं और यह पैसे उसने अपने कारोबार में लगाने के लिए निकाले थे. हालांकि उसने इन पैसों को लेकर कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं दिए हैं. ऐसे में एसटीएफ की टीम उसके कारोबार की भी पड़ताल कर रही है. हालांकि अभी भी हर्षवर्धन के पास से बरामद दर्जनों देशों की करेंसी, जिनका भारत में मूल्य एक करोड़ रुपये से भी अधिक है, उसके बारे में कोई संतोषजनक जानकारी सामने नहीं आई है.
मर्सीडीज में बरामद हुए रुपये
एसटीएफ ने दावा किया है कि हर्षवर्धन के पास से मिले 44.70 लाख रुपये घर के अंदर रखे हुए थे और तलाशी के दौरान मिले हैं. हालांकि एसटीएफ के ही एक अधिकारी ने नाम ना खोलने की शर्त पर स्वीकार किया कि यह रुपये मर्सीडीज गाड़ी में रखे हुए थे और अरेस्टिंग के वक्त यह रुपये वहां लाए गए थे. माना जा रहा है कि यह रूपये हवाला के हैं. सूत्रों के मुताबिक हर्षवर्धन की गिरफ्तारी भी हवाला के ही एक मामले में हुई है. हालांकि इस मामले को अभी तक एसटीएफ ने उजागर नहीं किया है.



