गोरखपुर के GRD में बनेगा म्यूजियम, प्रदर्शित होंगी गोरखा सैनिकों की वीरगाथाएं
देश के लिए अपनी जान गंवाने वाले गोरखा सैनिकों की यादों को संजोने के लिए प्रदेश की योगी सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. संस्कृति विभाग GRD में एक ऐसा म्यूजियम बनाने जा रहा है, जहां गोरखा सैनिकों के बलिदान को बखूबी दिखाया जा सकेगा. सरकार की इस पहल को बेहद अहम माना जा रहा है.

देश की आन बान- शान के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले बहादुर गोरखा सैनिकों की यादों को हमेशा संजोए रखने के लिए योगी सरकार शानदार पहल करने जा रही है. जिसके तहत संस्कृति विभाग गोरखपुर के GRD में एक गोरखा म्यूजियम बना रहा है. करीब 45 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस संग्रहालय में गोरखा सैनिकों के बलिदान को दिखाया जाएगा. इसके अलावा इसमें 7 D थिएटर साउंड-लाइट शो की भी व्यवस्था की जाएगी. 4 सितंबर को सीएम योगी और CDS इस म्यूज़ियम का शिलान्यास करेंगे.

होंगी ये सुविधाएं
गोरखा रेजिमेंट के GRD में बनने वाले इस स्मारक के निर्माण पर 44 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी. इसके तहत म्यूजियम में कई आधुनिक सुविधाएं देखने को मिलने वाली हैं. इनमें टिकट काउंटर, मौजूदा भवन की रिपेयरिंग, वाटर बॉडी, बाउंड्री, लिफ्ट सबकुछ रहने वाला है. इसके अलावा लाइट एंड साउंड शो, 7 D थिएटर, म्यूरल पेंटिंग जैसी व्यवस्थाएं भी रहने वाली हैं. गोरखा सैनिकों की वीरगाथाओं को संजोने के लिए योगी सरकार की बड़ी पहल मानी जा रही है.
जांबाजी के लिए जाने जाते हैं गोरखा
इस म्यूजियम में बहादुर गोरखा सैनिकों के बलिदान को प्रदर्शित किया जा सकेगा. जिससे आने वाली पीढ़ियां इनसे प्रेरणा लेंगी. ब्रिटिश काल से लेकर अब तक भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों ने 2700 से अधिक वीरता पुरस्कार प्राप्त किए हैं. गोरखा सैनिक अपने युद्ध कौशल और निडरता के लिए खासतौर से जाने जाते हैं. इन सैनिकों का प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी अहम योगदान रहा है. मौजूदा वक्त में भी भारतीय सेना में करीब 40000 गोरखा सैनिक अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
प्रथम विश्वयुद्ध में भी लड़े गोरखा सैनिक
GRD गोरखपुर कीशुरुआत 1866 में की गई थी. यह सबसे पुराना भर्ती डिपो है. यहां जो युद्ध स्मारक है उसकी स्थापना प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद हुए गोरखा जवानों की याद में 1925 में बनाया गया था. इस स्मारक में अब तक आठ ऐसे बहादुर जवानों की कांस्य प्रतिमाएं लगाई गई हैं, जिन्होंने जंग के मैदान में अद्भुत वीरता का परिचय देते हुए दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए. इन जवानों को कई सैन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.



