कानपुर के ACMO निलंबित, भ्रष्टाचार के आरोप पर ब्रजेश पाठक की बड़ी कार्रवाई; दो और भी नपे

यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने कानपुर एसीएमओ डॉ. सुबोध प्रकाश यादव को निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई 1.60 करोड़ रुपए के कथित घोटाले के बाद हुई है. इसके अलावा दो अन्य डॉक्टरों पर भी गाज गिरी है.

यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ मंत्री ब्रजेश पाठक (फाइल फोटो)

कानपुर के स्वास्थ विभाग में हलचल एक बार फिर तेज हो गई है. सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी का प्रकरण अभी ठंडा भी नहीं हुआ था इस बीच एक और बड़ी कार्रवाई हुई है. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ मंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को कानपुर के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (ACMO) को सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही भ्रष्टाचार के आरोप में दो अन्य के ऊपर भी कार्यवाही के आदेश जारी किए गए हैं.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कानपुर के एसीएमओ डॉ सुबोध प्रकाश यादव को भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड कर दिया है. स्वास्थ मंत्री के यहां से आए आदेश के अनुसार, साल 2019 में लेवल-4 में पदोन्नति हुई. इसके बावजूद डॉ. सुबोध का स्थानान्तरण नहीं किया. उन्हें कानपुर नगर में ही तैनाती रखा गया. डॉ. सुबोध पर चीफ फार्मासिस्ट और लेखाधिकारी के साथ वित्तीय अनियमितता किए जाने का आरोप लगा है.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने X पर भी जानकारी

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने एक्स पर लिखा, ‘अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, कानपुर नगर द्वारा चीफ फार्मासिस्ट और वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी के साथ मिलकर आर्थिक लाभ हेतु वित्तीय अनियमितता किए जाने संबंधी प्रकरण का संज्ञान होने पर मेरे द्वारा उक्त एसीएमओ को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही संस्थित की गई है. साथ ही चीफ फार्मासिस्ट और लेखाधिकारी के विरुद्ध भी विभागीय कार्यवाही की जाएगी.’

राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग में लग रहे आरोपों और शिकायतों के बाद ये बड़ी कार्रवाई हुई है. भ्रष्टाचार के आरोप में एसीएमओ के अलावा चीफ फार्मासिस्ट अवनीश कुमार शुक्ला और डॉ. वंदना सिंह पर भी कार्यवाही के आदेश जारी किए गए हैं. इन सभी पर विभिन्न सप्लायरों से सांठगांठ कर वित्तीय अनियमितताएं किए जाने के आरोप हैं. यह कार्रवाई 1.60 करोड़ रुपए के कथित घोटाले के बाद हुई है.

जेम पोर्टल और अभिलेखों में हेराफेरी

सीबीआई की जांच में जेम पोर्टल और अभिलेखों में हेराफेरी पाया गया. आचार्य नगर के प्रोपाइटर मेसर्स जेएम फार्मा से मिलीभगत कर गलत तरीकों से 1.60 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया. इस पैसे के घटिया समाग्री खरीदी गई थी. मामला संज्ञान में आने पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने जांच कराई. जांच में दोषी पाये जाने पर डिप्टी सीएम की ओर से यह कार्रवाई की गई है. 

इसके अलावा कानपुर जिला अस्पताल में ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर हरि नारायण प्रभाकर और एटा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पीटल में कार्यरत डॉ. राहुल वार्ष्णेय को भी सस्पेंड किया गया है. जानकारी के मुताबिक, इन दोनों पर पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा में मेडिकल पास कराने के लिए धूस लेने के आरोप लगे थे. स्वास्थ्य विभाग में कथित भ्रष्टाचार के मामले में कड़ी कार्रवाई का दौर जारी है. आगे कई लोगों पर गाज गिर सकती है.