कानपुर में निर्दयी बना पिता, 8 साल की बच्ची को घर से निकाला… फिर

कानपुर में 8 साल की मासूम बच्ची को जब पिता ने घर से निकाल दिया तो प्रशासन उसका सहारा बना. DM को जब ये बात पता चली, तो उन्होंने बच्ची के लिए न सिर्फ पीएम आवास योजना के तहत फ्लैट का इंतेजाम कराया, बल्कि सीएम बाल सेवा योजना के तहत आर्थिक मदद के साथ- साथ उसकी पढ़ाई लिखाई के लिए मुकम्मल व्यवस्था कराई.

बच्ची की हुई मदद

कहते हैं कि मां-बाप ही बच्चों के लिए सबकुछ होते हैं, लेकिन जब वहीं उन्हें बेसहारा छोड़ दें, तो आखिर कोई जाए तो जाए कहां. कानपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां 8 साल की बच्ची को अपने ही पिता के ठुकरा दिया और उसे पूरी तरह से लावारिस हालत में छोड़ दिया. इसके बाद वो बेसहारा हो गई. लेकिन जब ये बात DM जितेन्द्र प्रताप सिंह को पता चली, तो उन्होंने उसकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया और फिर बच्ची की किस्मत बदल गई.

जनता दर्शन में पहुंची बच्ची

इसके बाद उसके नाना चन्द्रभान उसे लेकर DM के जनता दर्शन पहुंचे. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी की मौत के बाद वह अपनी नातिन की परवरिश कर रहे हैं, लेकिन बच्ची का पिता दूसरी शादी कर चुका है. उन्होंने बताया कि वो बच्ची को अपनाने से इनकार कर दिया. ऐसे में बच्ची के पास कोई कानूनी अधिकार भी नहीं था जिससे वह अपनी मां की संपत्ति पर दावा कर सके.

DM ने की मदद

दरअसल, बच्ची की मां को 2019 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक फ्लैट मिला था, लेकिन मां की मौत के बाद नामांतरण में कानूनी अड़चन आ रही थी. जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिए. बाल कल्याण समिति ने जांच के बाद नाना को उसका कानूनी संरक्षक के तौर पर घोषित कर दिया. अब कानपुर विकास प्राधिकरण उस फ्लैट को उसके नाम पर ट्रासफर करेगा. अधिकारियों का कहना है कि ये कार्रवाई एक महीने के भीतर पूरी हो जाएगी.

हर महीने मिलेगें 2500 रुपए

इसके साथ ही DM ने उसे को सीएम बाल सेवा योजना से के तहत हर महीने 2500 रुपये आर्थिक सहायता देने की भी बात कही. उसकी आगे की पढ़ाई के लिए नजदीकी स्कूल में दाखिला कराया जा रहा है. उनका कहना है कि प्रशासन का कर्तव्य है कि किसी भी जरूरतमंद की मदद की जाए. उन्होंने कहा कि बच्ची अभी नाबालिग है और पिता की लापरवाही के चलते उसे मदद की जरूरत है. प्रशासन उसकी हर संभव मदद करने के लिए तैयार है.