लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने धीरेंद्र शास्त्री को कहा ‘महिला तस्कर’… हुआ ये एक्शन
बाबा बागेश्वर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के खिलाफ एक्शन देखने को मिला है. छतरपुर में उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई है. प्रोफेसर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें उसने धीरेंद्र शास्त्री को एक 'महिला तस्कर' बताया था.
धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ आपत्तिजनक बातें पोस्ट करने के मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. आरोप है कि प्रोफेसर रविकांत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट के जरिए बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को ‘महिला तस्कर’ बताया था, जिससे हिंदू धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. जिसे लेकर बागेश्वर धाम समिति के सदस्य धीरेंद्र कुमार गौर ने पुलिस को तहरीर दी थी. अब इस मामले में एक्शन देखने को मिला है.
ऐसे शुरू हुआ मामला
ये मामला तब शुरू हुआ, जब छतरपुर पुलिस ने एक एम्बुलेंस को रोका, जिसमें कुछ महिलाएं बैठी हुई थीं. पूछताछ में पता चला कि ये महिलाएं अपनी पहचान छुपाकर बागेश्वर धाम में रह रही थीं और कुछ संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त थीं. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसी वीडियो को शेयर करते हुए प्रोफेसर रविकांत ने अपनी पोस्ट में लिखा, “नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित छोटा भाई धीरेन्द्र शास्त्री धर्म की आड़ में महिला तस्करी कर रहा है.” प्रोफएसर के इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया.
प्रोफेसर पर लगे ये आरोप
प्रोफेसर की पोस्ट पर कई लोगों ने आपत्ति जताई. इसे लेकर बागेश्वर धाम समिति के सदस्य धीरेंद्र कुमार गौर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने आरोप लगाया है कि आरोपी रविकांत की टिप्पणी ने न सिर्फ धीरेंद्र शास्त्री की छवि को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है. पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(2) के तहत केस दर्ज किया.
क्या बोले बाबा बागेश्वर
बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए एक वीडियो X पर शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा कि साजिशकर्ता लगे हुए हैं. ये उपद्रव कुछ न कुछ करते रहते हैं. हमने इस देश में सबसे बड़ी जात-पात की बीमारी के खिलाफ जो अभियान छेड़ा हुआ है, सनातनियों को एक करने के लिए. उसके बाद कुछ न कुछ आता रहता है. लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं हैं.
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा, “जब तक हमारे शरीर में प्राण हैं. चाहे कोई कितना भी हम पर आरोप लगाते रहें. हम तब तक हिंदू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान की सेवा करते रहेंगे. हमारा जन्म ही सनातन धर्म की रक्षा के लिए हुआ है. हम मरते दम तक सनातन परंपरा के लिए ही जिएंगे और उसी परंपरा के लिए मरेंगे. ये तो अभी शुरुआत है आगे लोग अभी पता नहीं क्या-क्या कहेंगे. 7 नवंबर से 16 नवंबर तक होने वाली आगामी पदयात्रा की खबर से ही कुछ लोगों की बेचैनी बढ़ गई है.”