मऊ: प्रेग्नेंट महिला को घसीटा, हुआ गर्भपात; 20 पुलिस वालों पर कोर्ट ने लिया ये एक्शन
उत्तर प्रदेश के मऊ में 20 पुलिसकर्मियों की बर्बरता का मामला सामने आया है. पुलिस ने एक गर्भवती महिला के घर में घुसकर मारपीट की और छत से घसीटते हुए नीचे ले आए. इसकी वजह से महिला का गर्भपात हो गया. पीड़िता की शिकायत पर मऊ कोर्ट ने कोतवाल समेत 20 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में पुलिस की बर्बरता का मामला सामने आया है. यहां छत फांदकर एक महिला के घर में घुसे 20 से अधिक पुलिस वालों ने ना केवल पूरे परिवार के साथ मारपीट की, बल्कि इस प्रेग्नेंट महिला को भी छत से घसीटते हुए नीचे तक ले आए. इस घटना की वजह से महिला का गर्भपात हो गया था. इस संबंध में महिला की शिकायत पर मऊ कोर्ट ने कोतवाल समेत सभी 20 पुलिसकर्मियों के खिलाफ उन्हीं के थाने में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
मामला मऊ के सराय लखंसी थाना क्षेत्र के ताजपुर उस्मानपुर गांव में 23 मार्च 2025 की दोपहर का है. पीड़िता रीता देवी के वकील प्रमोद कुमार शर्मा के मुताबिक गांव में उनकी क्लायंट रीता देवी का उनके पड़ोसी रामभवन और श्रीकांत यादव के साथ नाली खड़ंजे को लेकर विवाद चल रहा था. इस मामले में रीता ने डीएम मऊ को शिकायत दी थी. इस शिकायत पर जांच हुई और आरोप सही पाए गए. इससे बौखलाए आरोपियों ने अपने रिश्तेदार और तत्कालीन चौकी प्रभारी केशर यादव के साथ मिलकर रीता देवी को धमकाने की कोशिश की.
सोशल मीडिया में वायरल हुआ वीडियो
यही नहीं 23 मार्च 2025 की दोपहर बीस से अधिक पुलिस वाले पड़ोसी की की छत से कूद कर रीता देवी के घर में घुस गए और उनके परिजनों के साथ मारपीट की. यही नहीं, रीता देवी को भी अश्लील शब्दों में गालियां देते हुए छत से घसीटते हुए नीचे तक ले आए. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. आरोप है कि थाने में लाने के बाद पुलिस ने पीड़ित परिवार से खाली स्टांप पेपर पर दस्तखत कराया.
कोर्ट ने दिए एफआईआर के आदेश
इस दौरान विरोध पर दोबारा से मारपीट की. इसकी वजह से पीड़िता का गर्भपात हो गया. इस हाल में उसे पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे बीएचयू के लिए रेफर कर दिया गया. इसके बाद पीड़िता ने एसपी को शिकायत दी और मामले की जांच हुई. इसमें पुलिस की भूमिका संदिग्ध पायी गई थी. इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पीड़िता ने कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई. इसके बाद कोर्ट ने तत्कालीन कोतवाल शैलेश सिंह समेत 20 पुलिसकर्मियों केखिलाफ उनके ही थाने में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.



